दलित समाज ने पूना पैक्ट-डे काे काले दिवस के रूप में मनाया

punjabkesari.in Thursday, Sep 24, 2015 - 07:14 PM (IST)

यमुनानगर, सरनदीप) : पूना पैक्ट-डे को काले दिवस के रूप में मनाते हुए हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ द्वारा जमकर प्रदर्शन किया गया व जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा गया। काला दिवस मनाने के लिए संघ के जिला अध्यक्ष सतपाल के नेतृत्व में डा. अंबेडकर भवन में संघ के सदस्य एकत्रित हुए और वहां से प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध करते हुए लघु सचिवालय तक पहुंचे जहां उन्होंने तहसीलदार को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।
 
सदस्यों को संबोधित करते हुए संघ कार्यालय सचिव विनोद ने बताया कि पूना समझौता महात्मा गांधी और अंबेडकर के बीच यरवदा जेल में हुआ था। यह वह समझौता था जिसके लिए डा. को खून आंसू रोने पड़े थे। इस समझौते को मनवाने के लिए महात्मा गांधी और अन्य संगठनों ने अंबेडकर को विवश किया था क्योंकि डा. अंबेडकर पूना पैक्ट नहीं चाहते थे। उन्होंने तो दलितों, सिखों, मुसलमानों के लिए क युनल अवार्ड की मांग की थी और अंग्रेज सरकार ने इसे मान भी लिया था, लेकिन गांधी इसके लिए तैयार नही हुए। उन्होंने इसके विरोध में पूना की यरवादा जेल में आमरण आमरण अनशन शुरू कर दिया। गांधी जान बचाने और दलित समाज पर किसी प्रकार की कोई आफत न आए इसके लिए अंबेडकर ने यह समझौता माना था। गांधी जी ने जिस लिए पूना समझौता किया था वह दलितों की समस्या का हल नही था। दलितों की समस्या का हल तो क युनल अवार्ड ही था। आज जो आरक्षण है वह पूना समझौता की देन है, जिसे हुए 83 वर्ष बीत गए लेकिन दलितों के हालात नही सुधरे। 
फेडरेशन के सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि पूना समझौता एक धोखा है जिसके चलते यह काला दिवस मनाया जा रहा है। आज हमें आरक्षण की नही बल्कि कन्युनल अवार्ड की जरूरत है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी अनुसूचित जाति को समान की दृष्टि से नही देखा जाता। इस मौके पर बनारसी दास, सुरेन्द्र कुमार, रवि कांत, संजीव कुमार, चांद राम, जय किशन, अनिल कुमार, राजेश, काका, संदीप, प्रवीन, विनोद, हंसराज, सोहन लाल, मीना कुमारी, भारती रानी, हरजीत कौर आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
 
शहीद राकी के परिवार को मिले सम्मानीय सहायता
डाक्टर भीम राव अंबेडकर संघर्ष समिति द्वारा जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर पिछले दिनों आतंकवादियों से सीमा सुरक्षा बल के 44 जवानों की जान बचाते हुए शहीद रॉकी के परिवार के को सम्मानीय सहायता मुहैया करवाने बारे ज्ञापन सौंपा। उन्होंने जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री से मांग की है कि दिल्ली की तर्ज पर शहीद के परिवार को परमवीर चक्र से नवाजा जाए। शहीद के परिवार में उसके भाई को तहसीलदार व एस.डी.एम. भर्ती किया जाए, बिलासपुर साढौरा मार्ग पर शहीद के नाम का स्मारक बनाया जाए तथा शहीद के परिवार को गैस एजेंसी आदि का लाइसेंस मुहैया करवाया जाए।
 
 

 


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