भाकियू ने 6 मांगों को लेकर राजनीतिक दलों को लिखा पत्र

1/9/2019 1:34:22 PM

रादौर(मलिक): भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राष्ट्रीय किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि पडौसी राज्य पंजाब व राजस्थान की सरकारे किसानों का कर्ज माफ कर सकती है तो हरियाणा सरकार किसानों का कर्ज क्यों माफ नहीं कर रही है। प्रदेश के किसानों मजदूरों को संपूर्ण कर्जमुक्त करने सहित छह मु य मांगों को लेकर भाकियू की ओर से संघर्ष का बिगुल बजाया गया है। देश व प्रदेश में 65 प्रतिशत किसान व मजदूर की सं या होने के बाद भी उनके पक्ष में नीति नहीं बनाई जाती। भाकियू नेता चढूनी मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश का किसान अब अपने हक के लिए चुप नहीं बैठेगा। आगामी चुनाव में अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसान व मजदूर एकजुट होकर एक ही जगह अपने मत को प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान मजदूर धर्म, जाति के आधार पर वोट न करे केवल किसानों मजदूरों के हितों के मुद्दे पर वोट करे।  उन्होंने कहा कि देश आजाद होने के कारण हमे वोट का अधिकार मिला है और अब किसान व मजदूर एकजुट होकर वोट के अधिकार का अपने हकों के लिए इस्तेमाल करेंगे। किसानों व मजदूरों के हितों के मुद्दे पर भाकियू की ओर से 3 फरवरी को नई अनाजमंडी पिपली में आयोजित होने वाली किसान मजदूर राज रैली की जाएगी। उन्होंने कहा कि 6 मु य मांगों को लेकर भाकियू की ओर से सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखे गए है।

भाकियू की ओर से रखी गई मु य मांगे है डा. स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले अनुसार सभी फसलों का भाव लागत मूल्य में सी 2 जमा 50 प्रतिशत जोड़कर दिया जाए। दूध, सब्जी, फलों व सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य एम.एस.पी. तय हो। सभी उत्पादों की एम.एस.पी. पर खरीदने की गारंटी का कानून बने और एम.एस.पी. से नीचे खरीदना दंडनीय अपराध हो। इसके अलावा सभी किसानों मजदूरों को संपूर्ण कर्जा मुक्त किया जाए। उद्योगों व कंपनियों में न्यूनतम मजदूरी 9200 रुपए से कम पर काम करवाना दंडनीय अपराध हो और बेरोजगारों को बिना ब्याज 5 लाख रुपए ऋ ण दिया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार इन सभी मुद्दों पर बात करनी चाहती है तो 3 फरवरी से पहले बात कर ले। 3 फरवरी तक सभी राजनीतिक दलों की ओर से भी जवाब आ जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने 3 फरवरी तक इन मुद्दों पर बात नहीं की तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा किसान भुगत रहे है। किसान मजदूर लगातार कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे है। इस अवसर पर राकेश बैंस सहित अनेक किसान उपस्थित थे।
 

Deepak Paul