सर्कुलर जारी,पर नहीं हो रही नियमों की पालना

1/20/2019 10:46:47 AM

यमुनानगर (सतीश): केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पिछले कई सालों में 11 अलग-अलग सर्कुलर जारी किए हैं। जो बताते हैं कि स्कूलों में सुरक्षा कितना महत्व रखती है। इन 11 सर्कुलर में फायर सेफ्टी मैनेजमैंट, स्ट्रक्चरल सेफ्टी, स्कूलों में ङ्क्षहसा और रेङ्क्षगग से कैसे निपटें, यौन उत्पीडऩ से बच्चों को कैसे बचाएं और किस तरह स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें जैसे विषय शामिल हैं। सितंबर 2017 में जारी सर्कुलर के मुताबिक, स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा और कल्याण में उल्लंघन या खामियां उस स्कू ल का रजिस्ट्रेशन और मान्यता रद्द कर सकती है।

गौरतलब है कि 16 जून 2019 को खिजराबाद स्थित माडर्न पब्लिक स्कूल की क्रूजर पेड़ से जा टकराई थी। इस हादसे में कू्रजर चालक की मौके पर ही मौत हो गई थी और 5 छात्र घायल हो गए थे। इसके बाद इसी स्कूल में चाइल्ड हैल्प लाइन की टीम ने दौरा किया, जहां कई खामियां मिलीं। जिले में 70 से अधिक सी.बी.एस.ई. स्कूल हंै, जिनमें 30 हजार से अधिक छात्र छात्राएं पढ़ते हैं। ऐसे में इनकी सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। 

नियम ही जानते, पालना कैसे करेंगे 

चाइल्ड हैल्पलाइन की डायरैक्टर अंजू वाजपेयी के मुताबिक सी.बी.एस.ई. ने अपने एफिलिएटेड स्कूलों को स्कूलों के भीतर और बाहर के सभी संवेदनशील स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का निर्देश जारी किया था। बोर्ड ने स्कूलों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि टीङ्क्षचग के साथ-साथ नॉन-टीङ्क्षचग स्टॉफ, जैसे कि बस ड्राइवर्स, कंडक्टर, चपरासी और अन्य सपोर्ट स्टॉफ की नियुक्ति अधिकृत एजैंसियों से ही की जाए।

उनका प्रॉपर रिकॉर्ड मैंटेन किया जाए। बोर्ड ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिया कि वे स्टाफ, पैरेंट्स और स्टूडैंट्स की शिकायतों के निवारण के लिए अलग-अलग समितियां बनाएं। साथ ही प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सैक्सुअल ऑफैंस एक्ट, 2012 (पॉक्सो एक्ट) के तहत यौन उत्पीडऩ से जुड़ी शिकायतों पर सुनवाई के लिए एक आंतरिक समिति गठित करें। इसके अलावा सभी स्कूल चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर हो, जो कहीं भी नहीं है। उनका कहना है कि अधिकतर छोटे बड़े स्कूल चाइल्ड सेफ्टी के नियम ही नहीं जानते, तो पालना कैसे करेंगे।    
 

Deepak Paul