करोड़ों रुपए की लागत से बने निर्माण कार्य भी पड़े अधूरे

1/21/2020 12:20:27 PM

यमुनानगर(त्यागी): शहर में होने वाले विभिन्न विकास कार्यों को लेकर नगर निगम की कार्यप्रणाली सदा ही चर्चा में रही है। शहर में न जाने कितने ऐसे भवन हैं जो नगर निगम के अधीन आते हैं लेकिन नगर निगम उनकी और न जाने क्यों ध्यान नहीं दे रहा। यह आधे-अधूरे निर्माण आम जनता के लिए भी मुसीबत बने हुए हैं और इस प्रकार के निर्माण अपराधियों की शरण स्थली बने हुए हैं। इस प्रकार के निर्माणाधीन भवनों में जहां लोग बैठकर नशा कर रहे हैं या फिर चोरों की शरण स्थली बन रहे हैं।

आसपास के लोग बेहद परेशान हैं। सड़कों के विकास कार्यों को लेकर व अन्य नगर निगम के अधीन आने वाले विकास कार्यों को लेकर लोग परेशान हैं हालांकि इन विकास कार्यों का मुद्दा हर बार नगर निगम की आम बैठक में उठता है विभिन्न पार्षद अपने-अपने वार्ड के विकास कार्यों को लेकर बैठक में चिल्लाते रहते हैं लेकिन उनकी भी शायद कोई नहीं सुनता। यदि सुनते भी हैं तो उन्हें भी आश्वासन मिलते हैं और काम जस का तस पड़ा रहता है। 

रेत बजरी की समस्या आ रही सामने 
मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों कुछ तो विकास कार्य खनन कार्य न होने के कारण बंद पड़े हैं। अधिकारियों का भी कहना है कि उन्हें रेत बजरी की समस्या सामने आ रही है जिसके चलते निर्माण कार्यों में कुछ ऐसे कार्य हैं जो बन चुके हैं। बावजूद इसके काम पूरा नहीं किया जा रहा है और यदि काम होना जरूरी है वहां तो आधे अधूरे बनाकर उन्हें छोड़ दिया जा रहा है। कई विकास कार्य तो ऐसे हैं जो सालों से अधूरे पड़े हैं और उन पर लाखों करोड़ों का खर्च भी किया जा चुका है लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है जबकि बार-बार उनका मुद्दा भी उठाया जा रहा है और उसकी ओर लोग ध्यान भी आकॢषत करवा रहे हैं।       

निगम में शामिल हुए गांवों में भी पड़े हैं अधूरे कार्य
क्षेत्रवासियों का कहना है कि विकास कार्यों में लापरवाही व लेट-लतीफी केवल शहरों में में अधूरे पड़ी सड़कें, शैड ही नहीं है बल्कि नगरनिगम में शामिल हुए 42 गांवों में भी विकास कार्य अधूरे पड़ें।
 यह कार्य पंचायतों द्वारा किए जाने थे लेकिन नगरनिगम बनने के पश्चात इन गांवों में चल रहे विकास कार्यों पर ब्रेक लग गई और जो ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। 

Edited By

vinod kumar