कांग्रेस सरकार बनने पर दादूपुर-नलवी नहर परियोजना करवाएंगे बहाल : सुरजेवाला

10/2/2017 11:27:42 AM

यमुनानगर (त्यागी): दादूपुर-नलवी नहर परियोजना उत्तरी हरियाणा की जीवन रेखा है और कांग्रेस सरकार बनने पर इसे बहाल कर जल्द पूरा करवाया जाएगा। भाजपा सरकार किसानों से धोखा कर रही है व अब मिलकर खट्टर सरकार को उखाड़ फैंकने हेतु निर्णायक न्याययुद्ध वक्त की मांग है। यह घोषणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को हरियाणा किसान खेत मजदूर कांग्रेस, हरियाणा कृषक समाज, भारतीय किसान यूनियन के विशाल न्याय-प्रदर्शन व धरने को संबाेधित करते हुए की। विरोध प्रदर्शन में कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और अंबाला जिले से आए हजारों किसानों ने भाग लिया।

सुरजेवाला के नेतृत्व में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के अनेक पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों और नेताओं ने भाग लिया। 41 दिन से धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के नेता हरपाल सिंह, राजेश दहिया, बाबूराम, सुखवीर, अर्जुन व अन्य नेताओं तथा कार्यकर्ताआें ने शिरकत की। सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार ने साबित किया है कि उसका गरीबों और किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं। भू-जल स्तर उठाने के लिए शाहबाद फीडर, शाहबाद डिस्ट्रीब्यूटर और नलवी डिस्ट्रीब्यूटर के लिए 1019 एकड़ जमीन को अधिग्रहीत किया। जमीन अधिग्रहण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक लगभग 200 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा सिंचाई विभाग द्वारा इन नहरों को बनाने में 111 करोड़ 17 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

नहर को पाटने में प्रति एकड़ 40 लाख रुपए आएगा खर्च
क्या मुख्यमंत्री व सरकार इस बात को समझ पाए हैं कि लगभग 58 फुट चौड़ी व 30 फुट गहरी इस नहर को पाटने में किसान को प्रति एकड़ लगभग 40 लाख रुपए का खर्चा आएगा, जो भूमि की कीमत के बराबर है। इसके अलावा भाजपा सरकार किसान से पूरी मुआवजा राशि, 15 प्रतिशत ब्याज सहित लेने की तैयारी में है। इसे देने के लिए किसान को या तो अपनी बाकी की जमीन बेचनी पड़ेगी या फिर सरकार उसकी संपत्ति की कुर्की कर लेगी। मुख्यमंत्री खट्टर तो यह भी भूल गए कि सरस्वती नदी में पानी न मिलने पर दादूपुर-नलवी का पानी ऊंचा चांदना गांव में सरस्वती नदी में छोड़ मौजूदा सरकार द्वारा खानापूर्ति की गई है।

वहीं, सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में धान की फसल भाजपाई शोषण के चलते औने-पौने दामों पर पिट रही है। उन्होंने याद दिलाया कि करनाल, कुरुक्षेत्र, शाहबाद व अंबाला का किसान आलू व टमाटर की फसलें 2 रुपए किलो से भी कम की बिकवाली के विरोध में सड़कों पर उतरा तो खट्टर सरकार ने उन पर लाठियां भांजी। यही हाल पापुलर व सफेदे की लकड़ी का हुआ जिसके दाम लगातार घटते जा रहे हैं।