डेंगू ने ली छात्र ऋतिक की जान

10/31/2017 3:39:40 PM

यमुनानगर(तरुण): डेंगू के डंक की वजह से त्यागी गार्डन, गोबिंदपुरी निवासी 10वीं कक्षा के छात्र की जान चली गई। यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह कहना है निजी अस्पताल के उन डाक्टरों का, जिनके अस्पताल में मृतक का उपचार चल रहा था। मृतक किशोर ऋतिक (17) के परिजनों का कहना है कि मामले को लेकर वे स्वास्थ्य विभाग सहित सी.एम. विंडो पर डाक्टरों की शिकायत करेंगे, वहीं निजी अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि उनके स्तर पर कोई कोताही नहीं बरती गई। मरीज के परिजनों को पहले ही मरीज की स्थिति के बारे मे बताया गया था। अब मरीज के साथ क्या हुआ, वे इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। बता दें कि निजी अस्पताल के डाक्टरों ने एन.एस.1 का डेंगू कन्फर्म कार्ड टैस्ट लिखा है। 

अस्पताल ने बरती लापरवाही : परिजन
ऋतिक के मामा राकेश कुमार ने बताया कि वह बुखार से पीड़ित नहीं था। उसे सिर्फ चक्कर आ रहे थे और वह कमजोर महसूस कर रहा था। ऐसे में उसे आशीर्वाद अस्पताल लेकर गए। आरोप है कि इस दौरान अस्पताल के वरिष्ठ डाक्टर नहीं थे। सिर्फ एक सहायक था जिसने सिर्फ फोन पर निर्देश लेते हुए ऋतिक का उपचार शुरू किया। जब शनिवार को उसे दाखिल करवाया गया तो उसके प्लेटलेट्स 38 हजार के करीब आए। जबकि अगली बार जब टैस्ट कराया गया तो सिर्फ 15 हजार रह गए। जिस पर अस्पताल के सहायक ने उन्हें प्लेटलेट्स लाने के लिए कहा।

जिस पर वे स्वामी विवेकानंद ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स ले आए। परिजनों का आरोप है कि प्लेटलेट्स चढ़ाने के दौरान भी अस्पताल सहायक ने लापरवाही बरती और जल्दबाजी में प्लेटलेट्स लगा दी। जिसके थोड़ी देर बाद ही ऋतिक पेट दर्द से तड़पने लगा। जिसको लेकर बार-बार डाक्टर से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन सिर्फ सहायक ने आकर उनके मरीज को देखा। अन्य परिजनों का कहना है कि यदि वरिष्ठ डाक्टर के पास उनके मरीज को देखने का समय नहीं था तो उसे तुरंत रैफर कर देते। 

सोमवार सुबह हुई मृत्यु
मृतक ऋतिक के बड़े भाई राहुल ने बताया कि रविवार शाम ऋतिक को गाबा  अस्पताल लेकर गए तो वहां पर डाक्टर ने उनके मरीज को पी.जी.आई. लेकर जाने की सलाह दी लेकिन ऋतिक की तबीयत को देखते हुए डाक्टर से निवेदन करने पर उन्होंने ऋतिक को आई.सी.यू. में भर्ती कर लिया। जहां सुबह उसे मृत घोषित कर दिया। 

अस्पताल की फोटो की थी पोस्ट
ऋतिक के दोस्तों ने बताया कि उसने शनिवार को अस्पताल में उपचार के दौरान अपनी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। जिससे उन्हें उसके बीमार होने का पता चला। जब वे सोमवार को उसका हाल-चाल पूछने आए तो जानकारी मिली की, डेंगू के कारण उसकी मृत्यु हो गई। 

हमारे स्तर पर कोई गलती नहीं : डा. गर्ग
अस्पताल प्रबंधन पर लगे आरोपों के बारे मे अस्पताल संचालक डा. सचिन गर्ग ने बताया कि प्रबंधन स्तर पर कोई गलती नहीं है। मरीज जब यहां पर दाखिल हुआ तो उसके परिवार को वास्तविक स्थिति के बारे मे बता दिया गया था। मरीज के परिजनों की लिखित सहमति के बाद ही मरीज का उपचार शुरू किया गया। मरीज की मृत्यु कैसे हुई, इसके बारे मे वे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। इसके अतिरिक्त मरीज शनिवार को दाखिल हुआ था। रविवार को वह यहां से चला गया। सोमवार को इससे पहले की उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजते, मरीज की मृत्यु का समाचार मिला।

मामले की करेंगे जांच : सिविल सर्जन
मामले को करेंगे सिविल सर्जन डा. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है लेकिन संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जैसे ही मामले की जानकारी मिलती है तभी कुछ टिप्पणी की जा सकती है। यदि वाकई में निजी अस्पताल द्वारा डेंगू मरीज की जानकारी छिपाई गई है तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।