कोड वर्ड के जरिए रेल में चल रहा खेल, राजस्व की हो रही हानि

punjabkesari.in Saturday, Oct 15, 2016 - 02:40 PM (IST)

यमुनानगर (सतीश): सुविधा शुल्क के नाम पर रेल में खेल हो रहा है। रेलवे कर्मचारी सुविधा शुल्क लेकर आरक्षित डिब्बों में सामान्य टिकट के यात्रियों को सफर करवा रहे हैं। इससे जहां सुरक्षा पर सवालिया निशान है। सामान चोरी हो सकता है या फिर कोई संदिग्ध व्यक्ति किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकता है। वहीं, आरक्षित सीट पर यात्रा कर रहे लोगों को दिक्कत हो रही है। यात्री आरक्षित सीट पर लेट रहे यात्री के पैर की तरफ बची जगह में सीट पर बैठ जाते हैं। हालात इतने बदतर हो जाते हैं कि कुछ यात्री तो आरक्षित सीटों के बीच नीचे फर्श पर ही लेट जाते हैं। जिससे दूसरे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। कुछ कहने पर तर्क देते हैं कि उन्होंने पैसे देकर इस डिब्बे में प्रवेश किया है। 

 

ऐसे चलता है खेल
लम्बी दूरी की गाड़ियों में कुछ टी.टी.ई. व पुलिस कर्मचारी यात्रियों को सफर करवा रहे हैं। अर्थात कोई यात्री अमृतसर से सहारनपुर जा रहा है तो उस सवारी के उतरने से पहले ही उक्त व्यक्ति वहां इंतजार में खड़ा हो जाता है। जो ज्यादा सुविधा शुल्क देगा सीट उसको दे दी जाती है। कुछ टी.टी. तो ये काम नियमानुसार करते हैं जबकि कुछ टिकट के पीछे हस्ताक्षर कर यात्री को सीट दे देते हैं। ये एक तरह का कोड वर्ड है। इससे रेलवे को राजस्व की हानि भी हो रही है। चैक करने वाला स्टाफ कोड वर्ड को समझता है। गाड़ी संख्या 13050 में सफर कर रहे जसकीरत ने बताया कि गुरुवार रात उन्होंने यह घटना अपने सामने देखी। लखनऊ जाने वाले 3 यात्रियों को 900 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से सीट दी गई। जबकि किराया 400 रुपए के लगभग है। 

 

न साफ सफाई न चार्जर की सुविधा
इसी गाड़ी में सफर कर रहे रामचरण व जसबीर कौर ने बताया कि उन्होंने जालंधर शहर से जगाधरी आना था। ट्रेन में इतनी गंदगी थी कि बैठना भी मुश्किल था। इसी तरह चेन व पंखों के आस-पास का एरिया भी बहुत गंदा था। गाड़ी में डिब्बे के दरवाजे के पास मात्र 2 चार्जिग प्वाइंट थे जो पूरे डिब्बे के लिए पर्याप्त नहीं हैं। लोगों का कहना है कि जब रेलवे शुल्क ले रहा है तो सुविधा क्यों नहीं दे रहा। वे इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करेंगे। 


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