बर्फ के क्रिस्टल से चन्द्रमा के पास बने वृत्त से कौतुहल

1/22/2019 11:50:02 AM

यमुनानगर(त्यागी): गत रात्रि चन्द्रमा के आस पास बने गोल चक्कर (वृत्त) को लेकर दिनभर चर्चा होती रही। रात के समय में भी लोगों ने एक-दूसरे को फोन व एस.एम.एस. के माध्यम से इसकी जानकार दी और लोगों ने अपनी छत पर चढ़कर चन्द्रमा के आसपास बने इस चक्र को देखा। 

लोगों में इस चक्र को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां भी रहीं, जबकि सही मायने में यह एक खगोलीय घटना थी। इस संबंध में सी.वी. रमना साइंस क्लब के वैज्ञानिक दर्शन लाल बावेजा ने बताया कि यह एक खगोलीय घटना थी। आप्टिकल फिनोमिना (प्रकाशीय परिघटना) चन्द्रमा के चारों ओर एक वलय, इसे मून रिंग या विंटर होलो कहा जाता है। यह वृत्ताकार चांदनी के रूप में बनता है जो वायु मंडल में निलम्बित लाखों हैक्सा गोनल अर्थात बर्फ के क्रिस्टल में प्रकाश अपरिवर्तित होता है। क्रिस्टलों में प्रकाश अपरिवर्तित होने के कारण इस प्रकार की घटनाएं घटती हैं। इन घटनाओं को लेकर किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह एक खगोलीय घटना है। 

दर्शन लाल ने बताया कि ऐसा ही वृत्त कई बार सूर्य के आसपास बनता है। उनका मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं को देखते और इनके बारे में जानने से ज्ञान में वृद्धि होती है ओर लोगों को खगोलीय घटनाओं के बारे में पता चलता है। 

जागना होगा सूर्य उदय से एक घंटा पूर्व 

सी.वी. रमना साइंस क्लब के दर्शन लाल ने बताया कि मंगलवार व बुधवार को भी कुछ इसी प्रकार की खगोलीय घटना होगी जब बृहस्पति और शुक्र के संयोजन का नजारा सूर्य उदय से 45 मिनट पहले देखा जाएगा। उन्होंने बताया कि यह संयोजन तब होता है जब दो या दो अधिक ग्रह पृथ्वी और सूर्य के बीच में होते हैं। सोमवार व मंगलवार को जल्दी उठते हैं तो पूर्व की ओर, क्षितिज के ठीक ऊपर, शुक्र और बृहस्पति गृह के संयोजन को देख सकते हैं। इसके लिए हमें सूरज निकलने से एक घंटे पहले या 5 बजे आकाश को देखना होगा। दोनों ग्रह नग्न आंखों से दिखाई देंगे।  यह कोई दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं है। यह हर 13 महीनों में होता है, इसमें 2 ग्रह एक विशाल, चमकदार गेंद की तरह दिखाई देंगे। 

Deepak Paul