यहां भगवान शिव ने जोड़ा था गणेश जी का सिर, 52 दिन तक गुरु गोबिंद ने किया था वास

11/22/2015 3:23:22 PM

यमुनानगर (सुमित ओबरॉय): उत्तर भारत के प्रसिद्ध कपालमोचन मेले के दूसरे दिन जहां हजारों श्रद्धालु मेले में पहुंच रहे है। वहीं, मेले और इस स्थान की महत्ता को लेकर भी कई प्रकार की कथाएं सामने आ रही हैं। पूरे देश में केवल एकमात्र यहीं एक ऐसा मेला है, जहां पर हर धर्म का व्यक्ति आता है। इसके पीछे भी कई प्रकार के कारण बताए जाते है। यहां भगवान शिव, गुरु नानक देव, गुरू गोबिंद सिंह आए। वहीं राजा अकबर भी यहां अपने पाप धोने के लिए आए थे।

कपालमोचन गुरुद्वारा के प्रमुख सरदार बलदेव सिंह कायमपुरी की माने तो इस स्थान का असल में पूरा नाम कर-कपालमोचन है। यह देश के 68 प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक है। यहं पर हर धर्म के लोगों की आस्था है और यहीं कारण है कि यहां पर हरियाणा, पंजाब व यूपी के अलावा विदेशों से भी लोग आते हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर गुरु नानक देव जी भी आए थे। उसके बाद भंगयानी साहब का युद्ध जीतने के बाद गुरु गोबिंद सिंह भी यहां आए और 52 दिन तक यहां पर रहे।

यहीं पर ही गुरु गोबिंद सिंह ने गुरु नानक देव का प्रकाशोत्सव भी मनाया था। यहां पर भगवान शिव खुद पर लगे ब्राहम्ण हत्या का दोष दूर करने के लिए आए थे। इतना ही नहीं महाभारत का युद्ध जीतने के बाद पांडव भी यहां पर स्नान करने के लिए आए थे। यह इलाका सिंधू वन के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं कपालमोचन के समीप ही मखौर गांव में भगवान गणेश का सिर जोड़ा गया था।बलदेव सिंह बताते हैं कि यहां पर राजा अकबर भी आए थे। उनके यहां आने का कारण बताते हुए वह कहते है कि जिस समय राजा अकबर ने कांगड़ा जी में ज्वाला मां की ज्योत का बुझाने का प्रयास किया तो उन्हें आकाशवाणी हुई थी कि वह यदि अपने पाप दूर करना चाहता है तो कपामोचन में जाकर स्नान करे। इसके बाद वह यहां पर आए थे।