यहां भगवान श्री कृष्ण बनते हैं बिचौलिया....करवाते है सालभर में शादी

11/24/2015 2:07:58 PM

यमुनानगर (हरिंद्र सिंह): अरेंज मैरिज में बिचौलिए की हम भूमिका होती है क्योंकि लड़के या फिर लड़की वालों की तरफ कोई एक ऐसा होता है जो रिश्ते की बात चलाता है और फिर शादी तक हर बात बिचौलिए के साथ जरूर की जाती है क्योंकि उसे बीच का आदमी माना जाता है लेकिन एक जगह ऐसी है जहां लड़की-लड़के के विवाह की बात कोई और नहीं स्वयं श्रीकृष्ण जी चलाते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं यमुनानगर में चल रहे कपालमोचन मेले की।

यहां पर कृष्ण जी के  प्रिये वृक्ष कदंब पर लोग शादी की मन्नतें मांगते हैं। मान्यता है कि जिसने भी यहां पर शादी के लिए मन्नतें मांगी है उसकी एक साल के भीतर शादी जरूर हुई है। यहां पर महिलाओं की सूनी गोद भी भरती है। यमुनानगर के मेला कपाल मोचन मेले में सूरजकुंड सरोवर के पास स्थित कदंब के इस पेड़ के चारों तरफ घूम-घूम कर महिलाएं और पुरुष सूत का धागा बांधते हैं और पूरी श्रद्धा एंव आस्था के साथ पूजा-अर्चना करते हैं।

इसके बाद स्नान कर सरोवर के किनारे दीप जलाकर अपने बच्चो के लिए अच्छा रिश्ता या फिर अपने लिए संतान मांगते हैं। दरअसल लोगों की मान्यता है कि भगवान कृष्ण स्वयं यहां आता हैं और उन तक श्रद्धालुओं की पुकार पहुंचती है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में भगवान श्री कष्ण इसी पेड़ पर बैठ कर बांसुरी बजाते थे और यह पेड़ अब अमर हो चुका है। मान्यता पूरी होने पर लोग आकर सूत कोलते है और मंदिर में कृष्ण जी की प्रतिमा पर सेहरा बांधते हैं।

एक और मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीचे पांडवों के जन्म से पूर्व कुंती ने सूर्य देव से पुत्र कर्ण की प्राप्ति के लिए कठोर तप किया था। इसी तप से उन्हें कर्ण की प्राप्ति हुई थी। तभी से मेले में आने वाले श्रद्धालु यहां आकर पुत्र प्राप्ति की कामना भी करते हैं। माना जाता है कि कदंब के पेड़ पर लगने वाले फल को अगर विवाहिता की गोद में डाला जाए तो उसकी गोद भर जाती है। यही वजह है कि सूरजकुंड सरोवर के पास सिर्फ सूत व प्रसाद बेचने वालों की ही दुकानें लगती है। हर साल सैकड़ों क्विंटल सूत कदंब पेड़ पर बांधा जाता है।