कपालमोचन मेले का समापन हुआ...कोई ताऊ की जलेबी ले गया साथ तो किसी ने मन्नत के लिए बांधी डोर

11/26/2015 12:12:46 PM

यमुनानगर (हरिंद्र सिंह): यमुनानगर में पिछले पांच दिन से चल रहे मेला कपालमोचन कई यादों के साथ आख़िरी पड़ाव पर है। इस मेले में जहां इस बार करीब 10 से 12 लाख श्रद्धालुओं ने अलग-अलग जगह से आकर आस्था की डुबकी लगाई तो वही इस मेले में इस बार सबसे आकर्षण का केंद्र रहे गोहाना से आए ताऊ के हाथों के बनी जलेबी जिसने भी इसे खाया चाहे प्रशासन के अधिकारी हों चाहे श्रद्धालु सभी ने इसे सराहा।

ताऊ का कहना है कि वह आठ साल की उम्र से जलेबी बनाने का काम कर रहे हैं। उनके द्वारा बनाई जलेबी में न तो कोई कैमिकल है न ही कोई कलर उसके बाद भी जलेबी में रग आता है और इसके खाने से कई बीमारिया भी खत्म होती हैं। वहीं यह 20 दिन तक न खराब होती है न ही इसके स्वाद में कोई फर्क नहीं पड़ता है। पंजाब से आए श्रद्धालुओं को ये ताऊ की जलेबी बहुत पसन्द आई वो इसे खाने के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों के लिए भी खरीद कर ले गए।

वहीं इस बार मेले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को लेकर एक सिग्नेचर अभियान भी चलाया गया। कार्तिक पूर्णिमा के शुभ मौके पर मेले में देश के अलग-अलग राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने कपाल मोचन में बने ऋण मोचन, गऊ बाच्छा घाट व सूरज कुड में आस्था की डुबकी लगाई। प्रशासन ने भी इस बार यहां आने वाले श्रद्धालु के लिए पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। कोई भी अप्रिय घटना न घटे इसके लिए हर तरफ पुलिस बल को लोगों की सुरक्षा के लिए लगया गया था। छह दिन के इस मेले में श्रद्धालुओं ने खूब आनंद लिया फिर चाहे वो घोड़ों की लगने वाली मंडी हो या पांडवों की माता कुंती द्वारा कदम के पेड़ के नीचे बैठकर की गई पूजा का स्थल पर मन्नत मांगने की रस्म। श्रद्धालु घर की मंगलकामनाओं की दुआओ के साथ विदा हुए।