खामियों से लिया सबक, अब सीनियर अधिकारी रात 11 से 1 बजे तक जांचेंगे रैन बसेरे

1/10/2019 2:17:27 PM

यमुनानगर(सतीश): जगाधरी बस स्टेंड व यमुनानगर बस स्टेंड के नजदीक बने रैन बसेरे रात के समय खुले नजर आए। इनमें एक-एक, 2-2 आदमी शरण लिए हुए थे। वहीं, महिलाओं के कैबिन में कोई नहीं था। यहां पर उपस्थित अटैंडैंट ने बताया कि जब भी कोई महिला आती है उसी समय रैन बसेरा खोल दिया जाता है। उधर, रैन बसेरों के पुख्ता प्रबंध के लिए जिला प्रशासन भी सख्त नजर आ रहा है। डी.सी. गिरीश अरोड़ा की ओर से सीनियर अधिकारियों को रात 11 से 1 बजे तक चैकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार को ए.डी.सी., मंगलवार को सी.टी.एम., बुधवार को तहसीलदार जगाधरी, गुरुवार को बी.डी.पी.ओ. जगाधरी, शुक्रवार को डी.आर.ओ., शनिवार को डी.डी.पी.ओ. व रविवार को एस.डी.एम. जगाधरी रात 11 से 1 बजे तक जांच करेंगे। गौरतलब है कि नवम्बर माह से रैन बसेरा खोलने के आदेश हैं। 

फुटपाथ को दे रहे तवज्जो
दौरे में सामने आया है कि आॢथक तौर पर पिछड़े लोग रैन बसेरे में जाना ही नहीं चाहते। उन्हें यह रहता है कि यदि वे फुटपाथ पर बैठेंगे या सोएंगे तो आम आदमी उनकी मदद को आगे आएगा। यदि वे रैन बसेरे में चले गए तो उन्हें यहां मदद नहीं मिल पाएगी। शायद इसी सोच के चलते वे रैन बसेरों में नहीं जा रहे। कुछ लोग शराब के नशे में भी फुटपाथ पर पड़े रहते हैं। हालांकि जिला प्रशासन के निर्देश है कि इन्हें भी रैन बसेरों में शरण दी जाए। 

आई.डी. का नहीं कोई चक्कर
जिला में 5 रैन बसेरे में है। एक जगाधरी में तो 4 यमुनानगर में बने हुए हैं। यहां पर तैनात कुछ कर्मी उनके रैन बसेरा आने पर आई.डी. मांगते हैं लेकिन जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आई.डी. की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि ठंड आई.डी. नहीं देखती, यदि जान चली गई तो कौन जिम्मेदार होगा। क्या यह जवाब दिया जाएगा कि उसके पास आई.डी. नहीं थी। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने कोई भी कड़ी शर्त नहीं रखी। प्रशासन का कहना है कि जरूरतमंद को रैन बसेरे तक पहुंचाया जाए। 

दौरे में मिली थीं खामियां : डी.सी.
डी.सी. गिरीश अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने रैन बसेरों का दौरा किया था। इस दौरान कुछ खामियां मिली थीं। इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अब सीनियर अधिकारियों को रात 11 से 1 बजे तक चैकिंग के आदेश दिए गए है। प्रयास है कि हर जरूरतमंद को रैन बसेरे का लाभ मिले। 

Deepak Paul