सरस्वती नदी की नहीं हो पाएगी खुदाई, चौंकाने वाली बात आई सामने (PICS)

punjabkesari.in Sunday, Aug 07, 2016 - 03:18 PM (IST)

यमुनानगर (हरियाणा): सरस्वती नदी को धरा पर लाने की कोशिशों में मुसीबत अटक गया है। बता दें कि अब सरस्वती नदी की खुदाई नहीं हो पाएगी। दरअसल इसके पीछे की वजह बेहद चौंकाने वाली है। जानकारी के मुताबिक 13 किलोमीटर लंबाई में इसकी खुदाई में मुसीबत आ गई है। राजस्व रिकॉर्ड में करीब 13 किलोमीटर का एरिया सरस्वती नदी के नाम पर नहीं होने से यह दिक्कत हुई है।


सिंचाई विभाग ने पानी छोड़ने का जो ट्रायल किया है, वह आधी सरस्वती नदी में ही सिमट कर रह गया है। अब वालिंटियर्स के माध्यम से जमीन के मालिकों को स्वेच्छा से अपनी जमीन देने के लिए राजी करने की कोशिश करनी होगी। जिला प्रशासन की ओर से रुलाहेड़ी से लेकर ऊंचा चांदना तक सरस्वती नदी की खुदाई करवाई गई है। इसकी कुल लंबाई करीब 31 किलोमीटर है। राजस्व रिकॅार्ड में करीब 18 किलोमीटर का एरिया सरस्वती के नाम पर दर्ज है। इसके लिए बीते दिनों दादूपुर-नलवी नहर का पानी छोड़कर ट्रायल किया गया।


मुस्तफाबाद और बिलासपुर के बीच में करीब 13 किलोमीटर तक नदी की खुदाई न हो पाने से सरस्वती नदी का उद्गम स्थल माने जाने वाले आदिबद्री के नजदीक रुलाहेड़ी से लेकर बिलासपुर खंड की सीमा तक की गई। सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन प्रशांत भारद्वाज ने बताया कि भले ही राजस्व रिकॉर्ड में करीब 13 किलोमीटर का एरिया सरस्वती के नाम पर नहीं है। इस 13 किलोमीटर क्षेत्र में करीब साढ़े 6 किलोमीटर लंबाई में तो यह नदी के रूप में ही है। इससे उन्हें पानी मिलता रहेगा और साथ ही आसपास का भूमिगत जल भी ऊपर आएगा। जिला प्रशासन ने 21 अप्रैल 2015 को जिले के रुलाहेड़ी गांव से राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार सरस्वती नदी की खुदाई शुरू की थी। 


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