स्मैक में बर्बादी की कहानी, नशे में घुली जवानी

8/5/2019 12:07:59 PM

यमुनानगर (सतीश): युवा मन को जोश व उमंग की उम्र कहा जाता है। यही उम्र का पड़ाव होता है, जब भविष्य को लेकर इसी युवा मन द्वारा लक्ष्य साधा जाता है, पर दुर्भाग्यवश जिले के युवाओं की नसों में जोश कम नशा तैरता ज्यादा दिखाई दे रहा है। कहने का मतलब यह है कि जिले में स्मैक का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा और जिले की युवा पीढ़ी नशे की आदी होती जा रही, जबकि जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहे हैं।

यह कहना कतई गलत न होगा कि जिले की युवा पीढ़ी पथ भ्रमित नजर आ रही है। इसका सेवन करने में 16 साल से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के ही युवा ज्यादा चिह्नित किए जा रहे हैं। नशे के दलदल में फंसने वालों में अच्छे परिवारों के बच्चे भी शामिल हैं, जो पढऩे लिखने की उम्र मेें नशे के आदी होते जा रहे हैं। नशे में धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तो किया ही जा रहा, इसके अलावा जो इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है, उनमें स्मैक का नाम पहले लिया जा रहा है। नगरवासियों का कहना है कि इस नशे की पुडिय़ा 50 से लेकर 200 व 500 रुपए में अलग-अलग मात्राओं में मुहैया है। 

जबरदस्त फलफूल रहा व्यवसाय 
सुनसान से रहने वाले स्थलों पर इसका व्यवसाय ज्यादा फलफूल रहा है, तो आजाद नगर, पुराना हमीदा व नहर किनारे का एरिया इसकी बिक्री के लिए ख्याति प्राप्त करता जा रहा है। इस मोहल्ले में स्थित नामचीन पार्क भी इससे अछूते नहीं हैं, जहां स्मैक से लेकर नशे का इंजैक्शन लेने वाले शौकीन देखे जा सकते हैं। कई स्थानों पर स्मैक का धंधा होता चला आ रहा है। यह बात और है कि पुलिस द्वारा समय-समय पर छापे मारे जाते रहे हैं, पर एक आध गिरफ्तारी तक छापा सीमित रहा और स्मैक के धंधे पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाई। 

संस्कारों का भी हो रहा है पतन 
काङ्क्षलदी कालोनी के शशिकांत, लालद्वारा के मनीष गुप्ता, सचिन गुप्ता, संजय विहार के कमलदीप दहिया व दवा विक्रेता पवन मेहता का कहना है कि अभी हम इसे हल्के में ले रहे है। इसकी जड़ें आने वाली पीढ़ी के लिए नुक्सानदेय होंगी। नैतिक मूल्यों व संस्कारों का भी पतन हो रहा है। इनका कहना है कि ये नशा अपराध का कारण बनता जा रहा है। भविष्य में इसके परिणाम और घातक हो सकते हैं। इनका कहना है कि जिला नशे में नई पहचान बनाता जा रहा है। इसके लिए चाहे जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं या फिर सख्ती की जाए।

बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ हुए बरामद
1 जनवरी-2019 से अब तक की पुलिस कार्रवाई की बात करे तो अधिकतर नशा यू.पी. से आ रहा है। सी.आई.ए.वन ने अब तक 15 मामलों में 90 ग्राम स्मैक पकड़ी है। गांजे के 7 मामलों में 25 किलो बरामदगी की गई है, वहीं डोडा पोस्त के 4 केस में 11 किलो 700 ग्राम की बरामदगी की गई है। इसी तरह डिटैक्टिव स्टाफ ने एन.डी.पी.एस. के 12 मामले दर्ज किए। 11 किलो गांजा, 54 ग्राम स्मैक, 22 किलो 800 ग्राम चूरा पोस्त बरामद किया। इसी तरह सी.आई.टू ने इस अवधि में स्मैक के 13 पर्चे दिए। जिनसे 45.66 ग्राम स्मैक बरामद की गई। 5 हजार के लगभग नशे के कैप्सूल पकड़े, 265 ग्राम सूल्फा पकड़ा एवं 7 किलो 200 ग्राम गांजा भी बरामद किया। तीनों स्टाफ इंचार्ज के मुताबिक अधिकतर नशा यू.पी. से आ रहा है। वे पकड़े गए आरोपियों से इस बारे इंकसाफ भी लिखते हैं। 

Edited By

Naveen Dalal