अधर्मी राजा को लोग बार-बार पत्थर,चप्पल और जूते मार कर देते हैं सजा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 24, 2015 - 06:56 PM (IST)

यमुनानगर,(सुमित अॉबरोय) : मरने के बाद भी क्या किसी को आपने सजा मिलते हुए देखा है। ऐसा असम्भव सा ही लगता है,लेकिन यमुनानगर के कपाल मोचन मेले में ऐसी ही एक ऐसी जगह है जहां आज भी एक अधर्मी राजा के टीले पर जूते चप्पल पथर मार कर आज भी उस राजा को सज़ा दे रहे है। इसका कारण हे कि यह राजा अधर्मी था और इसके पापों की सजा चाहे इसे एक श्राप से मिल ही गई हो, लेकिन आज भी यहाँ आने वाले श्रद्धालु राजा के ध्वस्त हुए मिट्टी के टीलेनुमा किले को पत्थर,चप्पल और जूते मार कर आज भी उस राजा को सजा दे रहे हैं।

सिंधु वन के नाम से जानी जाने वाली ऐतिहासिक धरती कपालमोचन जोकि अपने आप में कई ऐतिहासिक कथाओं,कहानियो को संजोये हुए है। मेला कपाल मोचन से जहां लाखों लोगों की श्रद्धा जुडी है और हर साल नवंबर माह में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान कर लोग जन्म जन्म के पापों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि कपाल मोचन मेले के सात किलोमीटर की दूरी पर सन्धाय गांव की ऐसी ही एक अद्भुत कहानी है। जहां राजा के ध्वस्त किले की जगह बने टीले पर आने वाले श्रद्धालु जूते मार चप्पल और पत्थर मार कर इस अधर्मी राजा को गालियां तक देते हैं। यह किला किस राजा का था आप भी जनकर हैरान होंगे 

दरअसल, यह किला राजा जरासंध का था। उसे एक विवाहिता ने श्राप दिया था और वो स्वयं सती हो गयी थी। तभी से राजा जरासंध के सभी किले टीलों में तबदील हो गए थे। राजा जरासंध अपने राज में रास्ते में जाने वाली डोलियों का लूटता था और नवविवाहिताओं को अपने साथ इसी किले में लाता था, लेकिन पाप की सजा हर व्यक्ति को मिलती है। और ऐसा ही हुआ राजा के साथ जब उसने एक ब्राह्रमण की बेटी की डोली को लूटकर संधाया के किले में लेकर आ गया। किले में पहुंचते ही उस बेटी ने श्राप  देकर स्वयं पानी के बने कुंड में कूद गई और उसकी मौत के बाद ही राजा के सभी किले मिट्टी के टीले में तबदील हो गए।

आज भी लाखों लोग इस टीले पर पहुंचकर उस पर जूते मारते है आदमी हो जा फिर औरत भले ही बच्चा किसी को इस टीले की कहानी भी चाहे मालूम न हो, लेकिन वह भी जूते मारने से गुरेज नहीं करता। उुचाई पर बना इस टीले पर जो नही चढ पाता वह टीले के बाहर से ही उस पर पत्थर आदि मारता है। इस काम से पहले लोग सती के मंदिर में माथा टेकना नहीं भूलते। लंबी कतारों में लगने के बाद लोग इस शैतान राजा के किले पर पत्थर मार कर आज भी इस अधर्मी राजा को सजा देते हैं।

इस कहानी या इससे जुड़े इतिहास से एक बात आज के समय लिए भी सन्देश बनकर उभर कर आती है कि गलत काम करने की सजा जरूर मिलती है। बुरे काम का बुरा ही नतीजा होता है जैसा की इस राजा के बुरे कामो के कारण इतने वर्षों बाद आज भी लोग इसके टीले को सजा दे रहे हैं। महिलाओं को भी इस स्थान से यही प्रेरणा मिलती है कि जैसा की उस समय के इतिहास के अनुसार एक ब्राह्मण की बेटी ने राजा को श्राप दिया और खुद सती हो गयी थी। उसकी कुर्बानी के कारण की अधर्मी राजा का सर्वनाश हुआ और उसकी सारी सम्पति मिट्टी हो गयी थी। 


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