अप्रशिक्षित चालक चला रहे ट्रैक्टर,  न ड्राइविंग लाइसैंस, न कागजात

12/11/2019 1:12:29 PM

यमुनानगर, (भारद्वाज): जिले में चल रही ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रालियां हादसों का कारण बनती जा रही हैं। ट्रालियां चाहे गन्ने से भरी हों या लकड़ी से ओवरलोड होकर चल रही हैं।  इन ट्रालियों में क्षमता से अधिक सामान भरा होता है। उत्तर प्रदेश से लकड़ी से भरी ट्रालियों इतनी ओवर लोड होती हैं कि इनके पास से गुजरना भी खतरे से खाली नहीं होता। इसी प्रकार गन्ना सैंटर से शूगर मिल तक गन्ना ढोने वाली ट्रालियां भी क्षमता से ज्यादा गन्ना भरकर चलती हैं जोकि जोखिम भरा होता है। अगर हम बात करें तो उत्तरप्रदेश से लकड़ी से भरी ट्रालियां तो सैंकड़ों की संख्या में यमुनानगर की मंडौली व जगाधरी की मानकपुर मंडी में पहुंचती हैं।
 

इसके अतिरिक्त कुछ ट्रालियां मंडियों में न जाकर जोडिय़ां स्थित फैक्टरियों में भी जाती हैं जिनके कारण आम जनता को जान जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है।ओवरलोड ट्रालियों के कारण प्रतिदिन कहीं न कहीं दुर्घटना का समाचार मिल जाता है। अधिकतर इन ट्रैक्टर-ट्रालियों के चालकों के पास कोई ड्राइविंग लाइसैंस नहीं होता और न ही ट्रैक्टर से संबंधित पूरे कागजात। इन ट्रैक्टर-ट्रालियों के चालक भी पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं होते, जोकि आड़े-तिरछे तरीके से ट्रैक्टर चलाते नजर आते हैं। कई ट्रैक्टर पर चालक बड़े-बड़े स्पीकर लगाकर अपनी मस्ती में ही ट्रैक्टर चलाते हुए गाने सुनते ड्राइव करते देखे जाते हैं, जिसके शोर के कारण पिछले वाहन का हॉर्न तक इन्हें सुनाई नहीं देता। 

यदि पिछला वाहन चालक आगे निकलना चाहता है तो उसे डर लगा रहता है कि आगे जा रहा ट्रैक्टर चालक कहीं अचानक उनके वाहन की ओर कट न लगा दे। ओवरलोड होने के कारण ट्रैक्टर-ट्रालियां सड़क पर ही पलट जाती हैं, जिसके कारण यातायात घंटों प्रभावित रहता है और अन्य वाहन चालकों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी का सामना करना पड़ता है। ट्राली तो पलटती ही हैं परंतु उसमें लदा सामान भी सड़क पर बिखर जाता है जिसके कारण छोटे वाहन चालकों को भी रास्ता नहीं मिल पाता। 

इसके अतिरिक्त ट्रालियां में अधिक लोड होने के कारण ट्रैक्टर के आगे के पहिए जमीन से लगभग 3-4 फुट ऊपर उठे देखे जा सकते हैं जिससे की इन ट्रैक्टरों के समीप से निकलने में दुर्घटना का भय बना रहता है। अन्य वाहन चालकों को डर लगा रहता है कि ट्रैक्टर-ट्राली सहित उनके ऊपर ही न आ चढ़े।
 

Isha