तस्वीरों में देखिए, सरकार द्वारा हो रहा गायों पर अत्याचार

8/11/2016 4:34:46 PM

यमुनानगर (हरिंदर सिंह): कहने को तो गाय हमारी माता है लेकिन लोग उसे माता तब तक ही मानते है जब वह हमें पीने के लिए दूध देती है। दूध न देने पर इस मां को नर्क में रखा जाता है। यह नजारा जो अाप ऊपर दिखाए गए चित्रों में देख रहे है सरकार के अनुदान से चलने वाली गौशाला का है। बता दें कि सरकार द्वारा बनाई गौशाला में गाय को ही रखने में मतभेद किया जाता है। विपरीत
 
यमुनानगर शहर के बीचों-बीच जगाधरी मटका चैक स्थित गौशाला के चौंकाने वाले हालात सामने अाए। यहां गायों को सही ढंग से नहीं रखा जाता। गौरतलब है कि जो गाय दूध देती है। उन गायों के लिए तो हर तरह का अच्छा बंदोबस्त मिलता है। इसके विपरीत जो गाय दूध नहीं देती उन्हें बेहद गंदगी के बीच रहना पड़ता है। यहीं नहीं अगर किसी बीमारी के चलते कोई गाय दम तोड़ दे तो उसे गंदगी के बीच से उठाने का भी कोई विशेष प्रबंध नहीं है। गौशाला के प्रधान ने बताया कि सरकार उन्हें गौशालाओं के लिए कोई विशेष पैकेज नहीं देती। उनका खर्चा बस गौशाला की दुकानों से होने वाली अामदन पर ही चलता है। 
 
सरकार द्वारा बनाई गौशाला का भी हाल सुन अाप लोग हैरान हो जाएंगे। यह गौशाला यमुनानगर से 45 किलोमीटर दूर मांडेवाले के जंगलों में है। इस गौशाला में कई बार उत्तर प्रदेश से तस्कर यमनुा नदी को पार कर जबरन गाय को ले जाते है। यहां सुरक्षा की जिम्मेदारी महज एक चौकीदार के पास है। इस राष्ट्रीय गौसदन में बैल तो आ सकते है लेकिन यहां गाय लाने पर उसे वापिस भेज दिया जाता है। इस राष्ट्रीय गौसदन के पास सात एकड़ जमीन है और उस जमीन को भी ठेके पर दिया गया है। शाम को चौकीदार के घर जाने के बाद यहां बदमाशों का आयाशी का अड्डा बन जाता है। इस गौशाला में गाय तो नहीं लेकिन जगह-जगह बिखरी शराब की बोतलें जरूर देखने को मिलती है। इन सभी बातों को देखते हुए यह कहना सही होगा कि लोग गाय को तस्करों से छुडवाकर गौ रक्षक का पुण्य तो कमाते है परन्तु बाद में उन्हें नर्क में धकेल दिया जाता है।