मुस्लिम धर्म गुरू ने कहा इस्लाम से छेड़छाड़ से होगा देश का नुकसान

10/20/2016 7:26:28 PM

यमुनानगर (सुमित अोबेरॉय): मुस्लिम समाज में तीन तलाक को लेकर छीड़ी बहस में अब हरियाणा के मुस्लिम धर्म गुरू भी कुद गए हैं। मुस्लिम धर्म गुरू व मदरसा इस्लामिया कुरैना फैजूल उलूम के संचालक हाफिज हुसैन अहमद ने तीन तलाक को रद्द करने का कानून बनाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने मोदी को कुरान की जानकारी न होने तथा साथ ही इस्लाम में तीन तलाक देने की मनाही होने की बात कही है।


उनकी मानें तो तलाक पर इस्लाम में खुला रास्ता है। एक ही समय पर 3 तलाक देने पर इस्लाम में भी मनाही है। दूसरे खलीफा ने भी तीन तलाक देने पर इंसान को कोड़े मारे थे। इस्लाम में भी तलाक लेने के बाद पति-पत्नी को जोड़ने की बात कही गई है।
मुस्लिम धर्म गुरू की मानें तो यदि किसी पति-पत्नी की आपस में नहीं बनती तो उन्हें एक तलाक का हुक्म होता है। इस प्रकार से तलाक लेने के बाद भी यदि उन दोनों में आपसी सहमति बनती है तो वह फिर से एक साथ रह सकते हैं। जबकि 2 तलाक लेने के बाद वह एक साथ रहना चाहते हैं तो उनका फिर से नकाह कराया जाता है। उनकी माने तो 3 तलाक अनपढ़ और नासमझ लोग ही बोलते है। इसे रोकने के लिए शरीयत और इस्लाम ने भी सख्ती की है।
 

हाफिज हुसैन अहमद ने कहा कि यदि सरकार इसे लेकर कोई कानून बनाती है तो वह उसका स्वागत करेंगे, लेकिन साथ ही उन्होंने इसे धर्म पर हमला बताते हुए इस प्रकार की सूरत में केवल अल्लाह का ही कानून मानने की भी बात कही। तीन तलाक को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाए जाने को उन्होंने इस्लाम से छेड़छाड़ बताते हुए कहा कि इससे देश का ही नुक्सान होगा। ऐसा होने के बाद यह देश धर्म निरपेक्ष देश नहीं रह जाएगा। साथ ही किसी को भी धर्म की आजादी नहीं होगी और इससे आपस में टकराव ही बढ़ेगा। धर्म गुरू के अनुसार सरकार और जमाना बदल जाता है, लेकिन धर्म के कानून कभी भी नहीं बदलते।


तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए मुस्लिम धर्म गुरू हाफिज हुसैन अहमद ने कहा कि मोदी ने न तो कुरान पढ़ी है और न ही उन्हें कोई जानकारी है। इसलिए उन्हें कुछ भी पता नहीं है। केवल कुछ लोगों के कहने से इस प्रकार का काम करना ठीक नहीं है। मुस्लिम धर्म गुरू ने इस मुद्दे को देश के लिए सही न बताते हुए कहा कि सभी को मिलकर इस मुद्दे को रोकना चाहिए। उनकी माने तो संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने भी कहा था कि इस देश में यह सब नहीं चलेगा। यहां हर धर्म के कानून को मानना होगा। धर्म के अनुसार ही कानून बनाना होगा और धर्म के मामले में दखल नहीं देनी होगी।