केन्द्र सरकार ने बजट में कर्मचारी विरोधी होने का दिया सबूत: संघ

punjabkesari.in Friday, Feb 02, 2018 - 05:56 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय बजट में मध्यम वर्ग व कर्मचारी विरोधी होने का सबूत दिया है, जिसका हरियाणा राज्य कर्मचारी संघ व भारतीय मजदूर संघ ने कड़ा विरोध किया, जिसको लेकर देश व हरियाणा प्रदेश के तमाम जिलों में रोष सभाएं कर केन्द्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए केन्द्र सरकार की कर्मचारी, मजदूर, किसान विरोधी नीतियों का विरोध किया है।

हरियाणा राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव कृष्ण गुर्जर व भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री हनुमान गोदारा ने संयुक्त रूप से प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई रोष सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट में केन्द्र व राज्य कर्मचारियों को बहुत उम्मीदें थी। लेकिन इस बजट में केन्द्र सरकार ने भारत वर्ष व प्रदेश के कर्मचारियों के हितों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को 5 लाख से अधिक इंकम टैक्स में राहत देने की उम्मीद थी, जो इस बजट में केन्द्र सरकार ने नहीं दिया। 

उन्होंने बताया कर्मचारियों की काफी समय से मांग रही है कि उन्हें वर्ष 2003 से पेंशन योजना के लाभ से वचिंत रखा गया है, उसे फिर से सरकार लागू करे, लेकिन इस बजट में भी यह उम्मीद पूरी नहीं हो पाई। इसके अलावा आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड डे मील कर्मचारियों व कच्चे कर्मचारियों को भी न्यूनतम वेतन के लाभ की उम्मीद थी। लेकिन केन्द्र सरकार ने जारी बजट में कर्मचारियों की सभी मांगों को नजरअंदाज कर घोर कर्मचारी विरोधी साबित होने का प्रमाण दिया है।

इसी के चलते आज पूरे प्रदेश के विभिन्न जिला स्तर पर सैकड़ों की संख्या में केन्द्र सरकार के बजट का विरोध करते हुए कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया है। रोष प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इसके बाद प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व वित्तमंत्री अरूण जेटली से बजट में संशोधन कर कर्मचारियों की उपरोक्त मांगों को लागू करने की मांग की। 

कर्मचारी नेता कृष्ण लाल गुर्जर ने बताया कि केन्द्र सरकार ने अगर कर्मचारियों की इन मांगों को शीघ्र ही लागू नहीं किया तो कर्मचारी प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।


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