किन्नरों की मान मर्यादा होती है :महामंडलेश्वर सोनाक्षी

punjabkesari.in Friday, Jun 28, 2024 - 06:19 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): इस साल पड़ी भीषण गर्मी ने हर वर्ग को सोचने पर मजबूर कर दिया है। गर्मी के चलते लोगों का जीना मुहाल हो गया था। हालांकि मौसम में परिवर्तन के बाद अब लोगों ने कुछ राहत जरूर महसूस की है, लेकिन आज समाज का हर वर्ग प्रकृति में हुए इस बदलाव को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। ऐसे में किन्नर समाज भी समाज के लिए अपने योगदान और भागीदारी को नहीं भूला। किन्नर समाज की ओर से महामंडलेश्वर सोनाक्षी ने एक लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया है। महामंडलेश्वर सोनाक्षी ने कहा की प्रकृति को हम जो देते है, प्रकृति उससे अधिक हमें वापिस देती है। इसलिए उन्होंने एक लाख पेड़ लगाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने में हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के लोगों ने उनका काफी साथ दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी उन्हें पौधे मुहैया करवाए है। 

‘श्रीराम के जन्म पर भी बुलाए थे किन्नर’
महामंडलेश्वर सोनाक्षी ने कहा की यदि राम लला को मानते है तो फिर किन्नरों को क्यों नहीं मानते,  अयोध्या में राजा दशरथ ने राम के जन्म पर किन्नर समाज को बुलाया और लीला माई ने राम लाला को लोरी दी। प्रशासन ने दुआओं का रेट तय कर दिया है जो बिकने वाली चीज नहीं है। 

‘ग्रंथों में होता है जिक्र’
सोनाक्षी ने किन्नर समाज की कठिनाइयों और परिभाषा को लेकर कहा की किन्नर समाज का जिक्र सभी ग्रंथों में होता है। किन्नरों की मान मर्यादा होती है लेकिन वर्तमान में गे, समलैंगिक और लेस्बियन आदि ने किन्नरों की रुपरेखा धारण कर ली है। इसलिए किन्नरों का अस्तित्व खतरे में है। किन्नरों में गुरुप्रथा होती है और लगभग 20 साल तक की उम्र में गुरुओं के पास रहते है। 

‘सभी पार्टिया एक समान’
राजनितिक पार्टियों के सन्दर्भ में सोनाक्षी  ने कहा की किन्नर समाज के लिए सभी पार्टिया समान है और उन्हें किसी भी प्रकार का कोई गिला या शिकवा नहीं है। उन्होंने कहा की जब बधाई मांगने जाते है तो बधाई को लेकर प्रशासन ने कीमते तय कर दी हैं वहीं कुछ लोग कहते है की किन्नर भीख मांग रहे है जबकि यह नेग होता है।

 


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Content Writer

Isha

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