तेजस की तेजी में रोड़ा बने मोड़

punjabkesari.in Friday, Jul 20, 2018 - 12:24 PM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन): दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच प्रस्तावित जिस तेजस ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ाने का रेलवे दावा कर रहा था, उसकी स्पीड में ट्रैक के मोड़ रोड़ा बन गए हैं। रेलवे सेफ्टी  कमिश्नर ने अम्बाला मंडल को जो प्रमाण पत्र जारी किया है उसमें हिदायत दी गई है कि चंडीगढ़-अम्बाला के बीच बने रेल ट्रैक पर न्यूनतम 90 और अधिकतम 110 किलोमीटर की रफ्तार से ही ट्रेन दौड़ाई जा सकती है। 

रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने हिदायत दी है कि इससे ज्यादा रफ्तार से इस सैक्शन पर ट्रेन नहीं दौड़ सकती है क्योंकि ट्रैक में कई मोड़ हैं जिससे हादसा होने का डर है। वहीं अम्बाला-दिल्ली रेल ट्रैक पर कमिश्नर ने अधिकतम स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटा तय कर रखी है। इस रूट पर अभी सबसे फास्ट ट्रेन अम्बाला-दिल्ली शताब्दी चलती है जिसकी स्पीड 115 किलोमीटर प्रति घंटा है। 

स्पीड बढ़ाने के लिए यह करना होगा
स्पीड बढ़ाने के लिए कई जगह ट्रैक को चौड़ा करना होगा, दीवारें बनानी होंगी और कई मोड़ों को सीधा करना होगा जोकि काफी लंबा काम है। 
 


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Rakhi Yadav

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