11वें नॅशनल अबिलम्पिक्स 2024 का समापन, 34 पदक विजेताओं के साथ फिनलैंड 2027 के लिए तैयार

punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2024 - 07:08 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : नॅशनल अबिलम्पिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित 11वें नॅशनल अबिलम्पिक्स 2024 का आज सार्थक ग्लोबल रिसोर्स सेंटर, गुरुग्राम में सफलतापूर्वक समापन हुआ।  इस आयोजन में भारत के पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण क्षेत्रों से 90 से अधिक दिव्यांगजन की उत्कृष्ट प्रतिभाएं प्रदर्शित की गईं। प्रतिभागियों ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, शिल्प, खाद्य, और सेवाओं सहित 15 कौशल श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा की। इस दो दिवसीय कार्यक्रम ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर भी स्थापित किया, जब 28 सदस्यीय रूसी प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जिसमें प्रतियोगी, लीडर्स और विशेषज्ञ शामिल थे। यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग दिव्यांग सशक्तिकरण और कौशल विकास पर वैश्विक ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रतीक बना। दो दिवसीय कार्यक्रम दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), नेशनल एबिलंपिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनएएआई) और सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट और टाटा पावर कम्युनिटी डेवलपमेंट ट्रस्ट (टीपीसीडीटी) का एक सहयोगात्मक प्रयास था।

 

नॅशनल अबिलम्पिक्स के समापन के साथ, सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट और एनएएआई भारतीय अबिलम्पिक्स जागरूकता अभियान के तहत क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं के अंतिम चरण में प्रवेश कर चुके हैं। इस पहल का उद्देश्य आगामी 11वें अंतर्राष्ट्रीय अबिलम्पिक्स को बढ़ावा देना है, जो 2027 में हेलसिंकी (फिनलैंड) में आयोजित होने वाला है। अबिलम्पिक्स, जिसे "क्षमताओं के ओलंपिक" के नाम से जाना जाता है, दिव्यांगजन के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय कौशल आधारित प्रतियोगिता है, जो हर चार साल में आयोजित होती है, और इसमें उनके क्षमताओं का उत्सव मनाया जाता है और वैश्विक मंच पर समावेशिता को बढ़ावा दिया जाता है।

 

 11वें नॅशनल अबिलम्पिक्स 2024 में कड़ी प्रतिस्पर्धा और कौशल के अद्वितीय प्रदर्शन देखे गए, जिसमें 34 प्रतिभागियों ने 10 स्वर्ण, 13 रजत और 11 कांस्य पदक जीते।

 

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने 11वें नॅशनल अबिलम्पिक्स 2024 के समापन के दिन संबोधित करते हुए कहा, "पिछले साल मैंने सार्थक ग्लोबल रिसोर्स सेंटर का दौरा किया था, और आज यहां की प्रगति देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है, खासकर 'विजन इन द डार्क' जैसे क्षेत्रों को देखकर, जो दृष्टिहीनों के लिए बनाए गए हैं। गुरुग्राम, जहां तकनीकी क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, कौशलयुक्त दिव्यांगजन, जिनमें ऑटिज़म वाले लोग भी शामिल हैं, के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है। हम सार्थक के साथ मिलकर प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्रों का विस्तार करने और एबिलिटी म्यूज़ियम जैसे नवाचारी पहलों को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग केंद्रों में लागू करने के लिए उत्सुक हैं।"

 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 6 दिसंबर 2024 को गुरुग्राम में आयोजित 11वें नॅशनल अबिलम्पिक्स 2024 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के दिव्यांगजन सशक्तिकरण के प्रयासों की सराहना की और भारत की प्रगति में दिव्यांगजन के लिए अधिक रोजगार अवसरों की आवश्यकता पर बल दिया।  

 

एनएएआय के महासचिव और सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. जितेंद्र अग्रवाल ने कहा, "अबिलम्पिक्स दिव्यांगजन  की अद्वितीय प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं, जो बाधाओं को तोड़ते हैं और कार्यबल में समावेशन को बढ़ावा देते हैं। ग्लोबल रिसोर्स सेंटर की सफलता को ध्यान में रखते हुए, हम दिव्यांगजन को बड़े स्तर पर सशक्त बनाने के लिए सार्थक ग्लोबल यूनिवर्सिटी स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।"

 

गया, बिहार के मोह. शमीम आलम, जिन्होंने आज नॅशनल अबिलम्पिक्स में स्वर्ण पदक जीता, और जिनके पास लोकोमोटर विकलांगता है, ने साझा किया, "स्पेन में हुए पिछले अंतर्राष्ट्रीय अबिलम्पिक्स में, मैंने गर्व से भारत का प्रतिनिधित्व किया और कांस्य पदक जीता। मेरा सपना है कि आगामी अंतर्राष्ट्रीय अबिलम्पिक्स में फिनलैंड से स्वर्ण पदक लेकर आऊं। मैं एक दिन अपना डिज़ाइनर लेबल भी लॉन्च करना चाहता हूं।"

 

फ्रांस के मेट्ज़ में हुए 10वें अंतर्राष्ट्रीय अबिलम्पिक्स में भारत की विजय, जहाँ टीम ने सात पदक जीते, इस क्षेत्रीय आयोजन के लिए एक प्रेरणादायक पृष्ठभूमि बनी। पूर्व क्षेत्र का अबिलम्पिक्स 2027 में फिनलैंड में आयोजित होने वाले 11वें अंतर्राष्ट्रीय अबिलम्पिक्स की तैयारी की एक बड़ी प्रक्रिया का हिस्सा है, जो दिव्यांगजन के कौशल के लिए अंतर्राष्ट्रीय पहचान प्राप्त करने की यात्रा को उजागर करता है।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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