पर्सनल लोन से जुड़ी 5 गलतियां जो आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है : संतोष अग्रवाल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 07:57 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : पर्सनल लोन उन लोगों के लिए एक सुविधाजनक और पसंदीदा क्रेडिट विकल्प है, जिन्हें कम दस्तावेज़ों और बिना किसी गारंटी के तुरंत पैसों की ज़रूरत होती है। हालांकि, कई आवेदक लोन आवेदन के समय इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जिस वजह से उन्हें अधिक ब्याज दरें, छिपे हुए शुल्क देने पड़ सकते है या वे कर्ज़ के जाल में भी फंस सकते हैं। यहां हम उन पांच सामान्य गलतियों की चर्चा कर रहे हैं, जिनसे आपको बचना चाहिए:

 

लोन आवेदन से पहले क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त न करना

जब भी आप किसी लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आपकी साख का पता लगाने के लिए लेंडर सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर देखते हैं। जिन आवेदकों का क्रेडिट स्कोर अधिक होता है उनकी लोन स्वीकृति की संभावना भी अधिक होती है। कई लेंडर ब्याज दर तय करने के लिए भी क्रेडिट स्कोर का उपयोग करते हैं। जिन आवेदकों का क्रेडिट स्कोर ज़्यादा होता है उन्हें कम ब्याज दर पर लोन ऑफर किया जाता है। इसलिए, लोन आवेदन करने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट ज़रूर चेक करें। आपकी रिपोर्ट में कोई भी गलती या पुरानी जानकारी आपके क्रेडिट स्कोर को कम कर सकती है और आपके लोन स्वीकृति की संभावना को भी घटा सकती है। इसलिए यदि क्रेडिट रिपोर्ट में कोई भी गलती मिले तो उसे सुधारने के लिए तुरंत संबंधित क्रेडिट ब्यूरो और लेंडर को सूचित करें। रिपोर्ट सही होने से स्कोर में भी सुधार होने लगता है और कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।

 

कम समय में कई लेंडर के पास आवेदन करना

जब भी आप किसी बैंक या NBFCs में पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो वह आपकी क्रेडिट योग्यता का आकलन करने के लिए क्रेडिट ब्यूरो से आपकी रिपोर्ट प्राप्त करता है। इसे हार्ड इंक्वायरी कहा जाता है। हर हार्ड इंक्वायरी पर आपका क्रेडिट स्कोर कुछ अंकों से कम हो जाता है। आपके नाम पर कितनी बार हार्ड इंक्वायरी हुई है, इसकी जानकारी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज होती है जिससे आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, कम समय में कई बार लोन आवेदन करने से आपके क्रेडिट स्कोर में बड़ी गिरावट आ सकती है। इसलिए सीधे आवेदन करने के बजाय, ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर विभिन्न पर्सनल लोन ऑफर्स की तुलना करें और फिर अपने लिए सबसे उपयुक्त लोन विकल्प के लिए आवेदन करें। ऐसे प्लेटफ़ॉर्म या मार्केटप्लेस भी क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करते हैं, लेकिन इन्हें सॉफ्ट इंक्वायरी माना जाता है, जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित नहीं करती।

 

अन्य लोन विकल्पों को अनदेखा करना

पर्सनल लोन की तरह सिक्योर्ड लोन (जैसे टॉप-अप होम लोन, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी, गोल्ड लोन और लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज़) का इस्तेमाल भी किसी तरह की वित्तीय ज़रूरत को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। क्योंकि ये लोन सिक्योर्ड होते हैं, इसीलिए आमतौर पर इनकी ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में कम होती है। टॉप-अप होम लोन और लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी की अवधि, पर्सनल लोन की अवधि की तुलना में लंबी होती है, जिससे आवेदकों की ईएमआई (EMI) भुगतान क्षमता और लोन योग्यता बढ़ जाती है।  दूसरी ओर, पर्सनल लोन के आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होने की वजह से यह सिक्योर्ड लोन की तुलना में आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के डिस्बर्सल में लगने वाला समय पर्सनल लोन की तुलना में अधिक हो सकता है, जबकि गोल्ड लोन और लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज़ का डिस्बर्सल समय लगभग पर्सनल लोन जैसा ही होता है।

 

इमरजेंसी फंड में EMI को शामिल न करना

फाइनेंशियल इमरजेंसी, नौकरी छूटने या बीमारी आदि के कारण कई उधारकर्ता अपनी EMI का भुगतान नहीं कर पाते हैं। ऐसे मामलों में न सिर्फ़ भारी पेनल्टी लगती है बल्कि आपका क्रेडिट स्कोर भी गिरता है, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की योग्यता भी कम हो सकती है। ऐसा न हो इसके लिए अपने इमरजेंसी फंड में कम से कम 6 माह की पर्सनल लोन EMI जितनी राशि ज़रूर रखें। 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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