आरोह फाउंडेशन ने जल प्रबंधन के महत्व को जोड़ते हुए विभिन्न गतिविधियों के साथ विश्व जल दिवस मनाया

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 08:26 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : नोएडा में स्थित आरोह फाउंडेशन ने अपने विभिन्न परियोजना स्थानों पर जल और स्वच्छता संकट को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम “पानी और स्वच्छता संकट को हल करने के लिए त्वरकता “ विषय के साथ अपने विभिन्न परियोजना स्थानों पर विश्व जल दिवस मनाया। उत्तर प्रदेश, मेघालय, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब राज्यों में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के दौरा आरोह ने जल प्रबंधन के प्रति बड़ी जन जागरूकता आंदोलन किया। इसी क्रम में रैलियां, सेमिनार,चौपालें, शैक्षणिक कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं| दर्शकों में सरकारी स्कूलों के बच्चों सहित समाज के सभी वर्ग शामिल थे, जिन्हें प्रशिक्षित किया गया और उनके संबंधित स्कूलों, गांवों और समुदायों में जल दूत के रूप में विकसित किया गया।

 

आरोह पूरे भारत में पानी से संबंधित हस्तक्षेपों में अग्रणी रहा है। हाल ही मार्च 2023 में संगठन को ग्रामीण जल संसाधनों को पुनर्जीवित करने में सर्वश्रेष्ठ एनजीओ के रूप में माननीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी द्वारा सम्मानित किया गया था| आरोह ने विभिन्न क्षेत्रों में कई हस्तक्षेपों को सामने रखा है, जो पानी से संबंधित विभिन्न मुद्दों को समग्र रूप से संबोधित करता है। इनमें तालाबों का पुनरुद्धार, वर्षा जल संचयन जैसी जल भंडारण संरचनाओं का पुनरुद्धार शामिल है| राजस्थान, यूपी, बुंदेलखंड, महाराष्ट्र आदि में पीने योग्य पानी के मुद्दों पर अंकुश लगाने के लिए, आरोह ने 500 से अधिक स्कूलों में सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के पंप, जल मीनार, खराब पड़े हैंडपंपों और नलों की मरम्मत एवं जल इकाइयों को स्थापित किया और 5 लाख से अधिक लोगों के लिए जल प्रबंधन के बारे में जागरूकता पैदा की।

 

आरोह फाउंडेशन की सीईओ डॉ. नीलम गुप्ता ने अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया। "जल न केवल जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, बल्कि जल ही जीवन है। क्या हम पानी के बिना एक दिन की कल्पना कर सकते हैं? चाहे वह पीने के लिए हो या अन्य कामों के लिए। आरोह पिछले एक दशक से अधिक समय से जल संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन के लिए ठोस प्रयास कर रहा है और अब हम चाहते हैं कि कई अन्य हितधारक इस क्रांति में हमारे साथ मिलकर सीखें और एक साथ काम करें| भविष्य में भी जल संरक्षण की दिशा में हर संभव प्रयास करने का संकल्प लेते हुए, रहीम के ये शब्द पहले से कहीं अधिक सत्य हैं, “रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून,पानी गये ना ऊबरे, मोती मानुष चून।

 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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