टमाटर को खरीदना अब नहीं रहा आसान, आमजन हैं परेशान

punjabkesari.in Thursday, Nov 25, 2021 - 08:17 PM (IST)


गुडग़ांव (ब्यूरो): आमजन बढ़ती महंगाई से बुरी तरह से परेशान हैं। दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतें जहां बढ़ती जा रही हैं, वहीं सब्जी में इस्तेमाल होने वाला टमाटर भी आमजन की थाली से दूर होता जा रहा है। यानि कि टमाटर ने शतक लगा दिया है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में एक किलो टमाटर करीब 100 रुपए में मिल रहा है। पॉश क्षेत्रों डीएलएफ, सुशांत लोक, साउथ सिटी, हाईराइज बिल्डिंग क्षेत्रों में टमाटर 100 से 120 रुपए प्रतिकिलो तक मिल रहा है। आमजन इस सबको लेकर परेशान है, लेकिन ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन को इस सबसे कोई लेना-देना नहीं है। गृहणियां बड़ी परेशान हैं, उनकी रसोई और अधिक महंगी हो गई है। पहले से ही वे खाद्य पदार्थों व रसोई गैस की महंगाई से त्रस्त थी, अब टमाटर ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं। उनका कहना है कि टमाटर की कीमत प्रतिवर्ष इस मौसम में 20 से 30 रुपए प्रतिकिलो हुआ करती थी, जोकि अब 100 रुपए से ऊपर पहुंच गई है। उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई का सामना करने के लिए उन्होंने सब्जियों की खपत करनी कम कर दिया है। महंगी सब्जियों का इस्तेमाल कम ही करना शुरु कर दिया है।

हर किसी की हिम्मत नहीं है कि वह इतना महंगा टमाटर खरीद कर खाए। गृहणियों का कहना है कि ऐसा कभी भी नहीं सोचा था कि टमाटर आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगा। गृहणियों ने सब्जियों की जगह अब दाल आदि बनानी शुरु कर दी है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि बढ़ती महंगाई व साग-सब्जी आमजन की थाली से दूर न हो। उधर सब्जी कारोबारियों का कहना है कि टमाटर के दाम में आई तेजी अभी कम होने वाली नहीं है। उनका कहना है कि टमाटर उत्पादक प्रदेशों में बिन मौसम की बारिश ने टमाटर की फसल को तबाह कर दिया है। इसी कारण से सब्जी मंडियों में टमाटर की आवक कम हो गई है। इनका कहना है कि जहां पहले टमाटर की मांग अत्याधिक थी, अब मांग भी कम हो गई है। ग्राहक टमाटर के भाव को पूछकर आगे निकल जाते हैं। इसी प्रकार ढाबा-होटलों व रेस्टोरेंट में भी टमाटर की बढ़ती कीमतों ने उनकी खरीददारी को भी प्रभावित किया है। उधर शादी-विवाह का सीजन चल रहा है। आयोजकों को बढ़ी कीमतों पर टमाटर खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। आम लोगों का कहना है कि टमाटर को खरीदना आमजन के लिए अब आसान नहीं रहा है। 
 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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