डॉ. अलका सिंह का कभी हार नहीं मानने का जज़्बा काम आया : एनआईओएस में बनी शैक्षिक अधिकारी

punjabkesari.in Saturday, May 20, 2023 - 03:02 PM (IST)

गुडगांव ब्यूरो : कहते है कि केंद्र सरकार की नौकरी के लिए आयोजित परीक्षा का चक्रव्यूह वही भेद सकता है, जिसकी अकादमिक तैयारी के साथ हिम्मत और हौसला भी बुलंद हो.  डॉ. अलका सिंह की सफलता की कहानी भी एक सपना देखने और उसे पूरा करने के जुनून में कितनी कुशलता लगती है,उसका भरा-पूरा दस्तावेज है.

 

डॉ. अलका ने शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित परीक्षा में मात्र एक पद रिक्ति होने के बावजूद सफलता हासिल करते हुए शैक्षिक अधिकारी (अनुसंधान एंव मूल्यांकन) के पद को अपना बना लिया है, अलका ने इस ग्रुप A गैजेटेड पद का मुश्किल एग्जाम क्रैक करने के लिए कोई कोचिंग नहीं ली लेकिन वे कहती हैं कि जिस भी फील्ड में जाना हो,उसमें रुचि होना पहली शर्त है और फिर उसमें सफलता पाने के लिए तैयारी हाई लेवल की होनी चाहिए. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले के लिए प्रेरणास्रोत बनी अलका कहती हैं कि,मैंने खुद सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है और मैं भी कई मौकों पर असफल हुई और इससे निराश भी होती थी लेकिन फिर खुद से ही सवाल करती थी कि जो मैं हासिल करने जा रही हूँ उसके मुकाबले ये असफलता कुछ नहीं है.’

 

अलका सिंह का एग्जाम क्लियर करने का मंत्र भी बिल्कुल क्लियर है. वे कहती हैं कि किसी भी युवा को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी एक निश्चित शेड्यूल के हिसाब से करनी चाहिए. आजकल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से तैयारी की सुविधा है. सबसे पहले सफल उम्मीदवार को देखे-सुनें कि उन्होंने कैसे तैयारी की, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को सॉल्व करें, अपने स्ट्रॉन्ग और वीक पॉइंट्स को नोट करें, फिर हर हफ्ते का टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें. मॉक टेस्ट दें और अपनी गलतियों से सीखें. रिवीजन करते रहना ही सफलता का मूल मंत्र है.

 

अलका कहती हैं कि सबसे बड़ी बात हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, क्योंकि अधिकांश प्रतियोगी पहले अटेम्प्ट में सफल नहीं होते है. वे भी गलतियां सुधार कर आगे बढ़ते हैं. रहा सवाल इंटरव्यू का, तो ये सब्जेक्टिव होता है और उसे हर कैंडिडेट अपने शैक्षणिक योग्यता एवं व्यक्तित्व के हिसाब से तैयार कर सकता है. अलका अपनी इस सफलता का सारा श्रेय अपने परिवार को देती हैं,जिन्होंने हर मुश्किल वक्त में उनका साथ दिया, उन पर विश्वास किया और हौंसला टूटने नहीं दिया।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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