सरकारी अधिकारी बनकर प्लॉट देने के नाम पर 5.64 लाख ठगे
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 08:05 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): सेक्टर-9 थाना एरिया में जालसाज ने सरकारी अधिकारी बनकर प्लॉट देने के नाम पर एक व्यक्ति से 5,64,292 रुपए की ठगी कर ली। पीडि़त की शिकायत पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में देवीलाल नगर में रहने वाले जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि उनके पड़ोस में रहने वाला विकास दुरेजा प्रॉपर्टी डिलिंग का काम करता है। उसने जितेंद्र को बताया कि उसके चाचा दिल्ली में बड़े अधिकारी हैं और वे किसी ब्राह्मण को जमीन दान में देना चाहते हैं। जिसके लिए विकास ने उससे पांच लाख चाचा के लिए और पांच लाख रुपए अपने लिए मांगे। ये रुपए रजिस्ट्री के समय देने को कहा गया। इसके बाद बीती 4 मार्च को विकास अपने साथ सुधीर नामक सरकारी अधिकारी को उसके घर लेकर लाया। इस दौरान सुधीर ने बताया कि उसके बॉस एक बड़े अधिकारी है और उनकी चार पांच कॉलोनी में जगह है।
कागजों की औपचारिकता पूरी करने के बाद वे जमीन दान में दे देंगे। इसके अलए उन्होंने आधार कार्ड और आईडी पू्रफ मांगा और फाईल बनवान के लिए वकील को देने के लिए 10,500 रुपए मांगे। पूरी प्रक्रिया में 45 दिन लगने की बात कही गई। इसके बाद जितेंद्र से कुछ रुपए और भी लिए गए और उससे कुछ एफिडेविट भी साइन करवाए। वहीं सुधीर ने जितेंद्र को कहा कि उसकी फाइल पास हो गई है। उसे 100 गज का प्लॉट मिल जाएगा। इसके लिए उसे चार कॉलोनी राजेंद्रा पार्क, गढ़ी हरसरू, अशोक विहार फेस 1 फेस 2, लक्ष्मण विहार के लिए बताया गया।
जितेंद्र ने राजेंद्रा पार्क के लिए सहमति जताई। इसके बाद उससे कहा कि 100 गज की बजाय 133 गज प्लॉट की फाइल पास हो गई है। जिसके बाद 5 मई जितेंद्र के बेटे व पत्नी कोराजेंद्रा पार्क में गली दिखाई गई और बताया गया कि इसी गली में मकान है जो 27 मई तक खाली हो जाएगा। जितेंद्र ने मकान देखने की इच्छा जाहिर की तो उससे कहा गया कि यह गिफ्ट डील है। इसलिए रजिस्ट्री के बाद ही मकान की चाबी गिफ्ट में दी जाएगी। इसके बाद भी विकास व सुधीर उसके यहां आते-जाते रहे और पेमेंट लेते रहे।
इस तरह उन्होंने जितेंद्र से कुल 5,64,292 रुपए ले लिए। बीती 27 मई को जब रजिस्ट्री का समय आया तो वे उसे टरकाने लगे और 5 जून को रजिस्ट्री कराने के लिए कहा। उस दिन जब जितेंद्र ने सुधीर को फोन किया तो उसका स्विच ऑफ मिला। उसने विकास से बात की और सुधीर के एड्रेस पर पहुंचा तो पता चला कि वह वहां नहीं रहता था। जितेंद्र को समझ में आ गया कि उसके साथ ठगी हो गई है। जिसके बाद उसने पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है।