विदेश में पढ़ाई को लेकर बढी दुनियाभर के विद्यार्थियों की रुचि
punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2024 - 07:28 PM (IST)
गुडगांव, (ब्यूरो): विदेश में पढ़ाई को लेकर दुनियाभर के विद्यार्थियों की रुचि लगातार बढ़ रही है। अप्लायबोर्ड के फॉल-2024 स्टूडेंट पल्स सर्वे में शिक्षा के विकसित हो रहे परिदृश्य में अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों की आकांक्षाओं, अध्ययन सम्बंधी लक्ष्यों तथा वित्तीय योजना का विस्तृत विवरण दिया गया है। इस सर्वे में करीब 100 देशों के 1500 से अधिक विद्यार्थियों से सवाल किए गए। सर्वे बताता है कि विद्यार्थी किस तरह से अपनी शैक्षणिक यात्रा में नीतिगत बदलावों का सामना कर रहे हैं। सर्वे में बिजनेस और मैनेजमेंट आज भी पढ़ाई के लोकप्रिय क्षेत्र हैं। एक-तिहाई से ज्यादा विद्यार्थी इनमें रुचि हैं। हालांकि अप्लायबोर्ड के स्प्रिंग-2024 सर्वे के बाद से इन प्रोग्राम्स को लेकर छात्रों की रुचि घटी है। इस बदलाव का कारण विभिन्न क्षेत्रों के लिये बढ़ रही रुचि हो सकती है, चूंकि विद्यार्थियों ने बदलती वीजा नीतियों को अपनाया है और अपने कॅरियर के विकल्पों का दायरा बढ़ाया है।
--सर्वे में काम करते हुए सीखने पर जोर
इजीनियरिंग, हेल्थ साइंसेस और कंप्यूटर साइंस जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय रूप से रुचि बढ़ी है और यह यूएस तथा यूके जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में इन क्षेत्रों की अपेक्षित वृद्धि के कारण हुआ है। करियर को लेकर भी विद्यार्थियों की आकांक्षाएं अलग-अलग हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जीव विज्ञान और अंतर-विषयक महत्वाकांक्षाओं के क्षेत्रों में भी फैली हुई हैं, जैसे कि फूड साइंस या कंप्यूटर प्रोग्रामिंग। जवाब देने वाले कई विद्यार्थियों ने काम करते हुए सीखने के महत्व पर जोर दिया है और लगभग एक-तिहाई विद्यार्थी को-ऑप प्रोग्राम्स, इंटर्नशिप या प्लेसमेंट्स के माध्यम से अनुभव लेने की योजना में हैं।
--पोस्ट ग्रेजुएट के लिए आकर्षण बरकरार
पोस्ट ग्रेजुएट पढ़ाई के लिये 2024 में भी आकर्षण बना हुआ है। लगभग 90 फीसदी विद्यार्थियों ने अपने अध्ययन की योजना में कम से कम एक पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम को शामिल किया है। पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री में यूके तथा कनाडा जैसे देशों में काम के लिये ज्यादा समय का वीजा और फैमिली स्पॉन्सरशिप के विकल्प मिलते हैं, जबकि कम अवधि के प्रोग्राम्स जैसे कि पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के लिये रुचि कम हुई है। यह ट्रेंड पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स के साथ जुड़े खास फायदों के महत्व पर रोशनी डालते हैं, जिनमें फैमिली स्पॉन्सरशिप और स्पाउज वर्क वीजा के लिये पात्रता शामिल है।
--यूएस स्टडी प्रोग्राम में रूचि सबसे अधिक
64 प्रतिशत विद्यार्थियों का लक्ष्य था ‘बिग फोर’ स्टडी डेस्टिनेशंस (ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके या यूएस), आयरलैण्ड या जर्मनी में से कोई एक या अधिक। जबकि पूरा सर्वे कई देशों के लिए बढ़ रही रुचि का खुलासा करता है। खासकर यूएस के प्रोग्राम्स के लिये विद्यार्थियों ने बहुत ज्यादा रुचि दिखाई, जिससे आवेदन में प्रतियोगिता की संभावना बढ़ेगी। 36 फीसदी विद्यार्थियों ने बिग फोर से बाहर वाले गंतव्यों में रुचि दिखाई। फिनलैण्ड, जापान, नीदरलैण्ड्स और स्विटज़रलैण्ड टॉप 10 वैकल्पिक गंतव्यों के रूप में उभरे है।
--आर्थिक तैयारी पर सबसे ज्यादा ध्यान
बजट बनाना और वित्तीय तैयारी रखना अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों की प्रमुख चिंताएं होती हैं। दुनियाभर में रहने का खर्च बढ़ता जा रहा है। पढ़ाई के लिए गंतव्य चुनने में वहां पार्ट-टाइम काम मिलना चौथा सबसे महत्वपूर्ण कारक है। 98 फीसदी विद्यार्थी पढ़ाई करते हुए काम भी करना चाहते हैं। दो-तिहाई विद्यार्थी अनुमति होने पर हफ्ते में 20 घंटे से ज्यादा काम करने की आशा रखते हैं। जबकि करीब 30 फीसदी विद्यार्थी अपने काम को पार्ट-टाइम रखना चाहते हैं। कई छात्र बाहरी वित्तपोषण या छात्रवृति के माध्यम से अपना आर्थिक बोझ दूर करने की उम्मीद रखते हैं। एक अनुमान के अनुसार हर साल 100 मिलियन डॉलर की छात्रवृत्ति बेकार जा रही हैं। अप्लायबोर्ड विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर रहा है कि वे अपने बजट की योजना के तहत संस्थागत छात्रवृत्ति तथा आर्थिक सहायता के क्षेत्रीय विकल्प खोजें।