गूंज उठा अध्यात्म और युवा चेतना का स्वर ‘ओज उत्सव 2025’ भव्यता के साथ सम्पन्न, ऊर्ज सूत्र बुक लॉन्च

punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 07:50 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो : ओज फाउंडेशन के चौथे स्थापना दिवस के गौरवशाली अवसर पर 25 जुलाई 2025 को होटल याक एंड यति में ‘ओज उत्सव 2025’ का कार्यक्रम भव्य एवं दिव्य रूप से ऐतिहासिक आध्यात्मिक एवं युवा सशक्तिकरण महोत्सव के रूप में सम्पन्न हुआ। यह आयोजन भारत-नेपाल सांस्कृतिक संबंधों की गहराई, आध्यात्मिक समरसता और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति समर्पण का प्रतीक बनकर उभरा। कार्यक्रम का शुभारंभ हिमालयी साधक एवं ओज फाउंडेशन के संस्थापक योगी प्रियव्रत अनिमेष जी के आगमन के साथ सनातन परंपरा के अनुसार दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ | इस अवसर पर एक विशेष पुस्तक “ऊर्ज सूत्र” का विमोचन किया गया, साथ ही नेपाल में आध्यात्मिक पर्यटन को केंद्र में रखकर निर्मित दो लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की गई।

 

इस आयोजन ने भारत और नेपाल दोनों देशों के सांस्कृतिक धागों को और मजबूत करने का कार्य किया। ‘ओज उत्सव’ जैसे आयोजन इस गहराई को जनमानस तक पहुँचाकर एक मजबूत सामाजिक-सांस्कृतिक पुल का निर्माण करते हैं। ओज उत्सव की इस शुभ संध्या में सुरों का जादू बिखेरा सुप्रसिद्ध सितार वादक सीता मैया राजचल जी ने, जिनकी प्रस्तुतियाँ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराही जा चुकी हैं। इस कार्यक्रम में भारत और नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हुई कई जानी मानी हस्तियों ने भाग लिया जिसमें प्रमुख रूप से श्याम जाजू पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा, योगेश्वर दत्त ओलंपियन, संदीप राणा समाजसेवी, ब्रिजपाल मालिक, श्रीमती ज्योतिका झलानी, सांसद दीपक बहादुर सिंह, सांसद श्रीमती रंजू ठाकुर, सांसद राम हरी जी,विधायक नीमा गिरी, गोविंद बहादुर शाह जी शामिल हुई |

 

इस पुनीत अवसर पर श्याम जाजू पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा ने कहा कि भारत और नेपाल केवल दो राष्ट्र नहीं, बल्कि एक ही संस्कृति की दो अभिव्यक्तियाँ हैं। हमारे बीच की सीमाएँ केवल राजनीतिक हैं, आत्मा से हम हमेशा से ही जुड़े रहे हैं। इस प्रकार के आयोजनों से दोनों देशों की सांस्कृतिक एकता और सहयोग को नई गति मिलेगी। योगेश्वर दत्त ओलंपियन ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि जिस तरह एक खिलाड़ी को साधना करनी पड़ती है, उसी तरह आध्यात्मिक जीवन भी अभ्यास और अनुशासन से परिपूर्ण होता है। दोनों देशों की साझी विरासत-भाषा, परंपरा, धर्म और दर्शन से जुड़ी हैं और ओज उत्सव जैसे आयोजनों से यह रिश्ता और भी मजबूत हो रहा है। संदीप राणा समाजसेवी ने कहा कि भारत और नेपाल– ये केवल दो राष्ट्र नहीं, बल्कि एक ही संस्कृति की दो अभिव्यक्तियाँ हैं। हमारे बीच की सीमाएँ केवल राजनीतिक हैं, आत्मा से हम सदा जुड़े रहे हैं। सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से-हमारा रिश्ता राम–जानकी के काल से चला आ रहा है। ओज उत्सव जैसे आयोजनों से दोनों देशों के आध्यात्मिक नेतृत्व मिलेगा और साथ ही योग, वेद, धर्म और परंपराओं को जोड़ने में एक सेतु का कार्य करेगा|

 

कार्यक्रम के अंत में पूज्य योगी प्रियव्रत अनिमेष जी ने कार्यक्रम की अपार सफलता हेतु सभी को बधाई देते हुए कहा कि ओज उत्सव – 2025 के इस दिव्य समापन क्षण पर मेरा हृदय कृतज्ञता से भरा है। यह केवल एक आयोजन नहीं था, यह हमारी आत्मा की पुकार थी, जो आध्यात्मिकता, राष्ट्र सेवा और युवा शक्ति को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास था। नेपाल की पुण्यभूमि, पशुपतिनाथ की छाया और हिमालय की दिव्यता में हमने जो संकल्प लिए हैं, वह अब पूर्ण होता दिख रहा है। उन्होंने लोगों में आत्म चेतना जगाने का प्रयास किया और लोगों को सत मार्गों पर चलने का सन्देश भी दिया | योगीजी ने कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों, गणमान्य महानुभावों, आयोजकों, कलाकारों और समस्त सहयोगियों का हृदय से धन्यवाद किया जिनके सहयोग और अथक प्रयास से यह आयोजन सफल हुआ। ओज उत्सव 2025’ ने यह सिद्ध कर दिया कि ध्यान, विचार और संगीत के माध्यम से सीमाएं नहीं दिल जुड़ते हैं। यह आयोजन निश्चय ही भारत-नेपाल मैत्री के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय बनकर उभरेगा।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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