विकास कार्य लंबित : दावेदारों को आईना दिखाएगी जनता!
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 11:08 AM (IST)

गुडग़ांव (ब्यूरो): साइबर सिटी में बुनियादी सुविधाओं के घोर अभाव से जूझ रहे नागरिक हरियाणा विधान सभा चुनाव के दौरान दावेदारों को आइना दिखाएंगे। उनका कहना है सीवर, पानी, बिजली आदि से संबधित समस्याओं को दूर करने में जहां प्रशासन लापरवाही कर रहा है वहींं विकास कार्यों को गति नहीं मिल रही है। काफी ऐसे विकास कार्य हैं जिनके प्रस्ताव होने के दो-तीन साल बाद भी काम शुरु नहीं हुए। यहां तक कि कई मुख्यमंत्री विकास घोषणाएं भी लंबित पड़ी हैं। इसको लेकर लोगों में रोष है और उपेक्षित व विकास से वंचित इलाकों के लोग इस संबंध में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों से सवाल जवाब करेंगे।
जलनिकासी का उचित प्रबंध न होने से भी नाराजगी : पिछले कई वर्षों से शहर में बरसात के दौरान जलभराव होने की समस्या बरकरार है। लेकिन नगर निगम द्वारा इसका ठोस प्रबंध नहीं किया जा सका है। इसका नजारा पिछले बरसात में दिखा अब इस साल भी लोगों को जलभराव की समस्या जूझना पड़ रहा है। इसको लेकर भी लोगों में नाराजगी है।
लंबित पड़े हैं ये विकास कार्य
नगर निगम द्वारा करीब सालभर पूर्व नगर निगम मुख्यालय, काम्प्लेक्स और मल्टीलैवल पार्किंग का प्रस्ताव किया गया था लेकिन अब तक ये कार्य भी शुरु नहीं हुए। उधर पिछले मार्च में ही नगर निगम ने करीब 200 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास कराया। इनमें सड़कों के निर्माण, गलियों को पक्का करने, चौपालों और सामुदायिक भवनों के निर्माण, बुस्टिंग स्टेशनों और नई सीवर व पेयजल लाइनें डलवाने आदि से संबंधित कार्य शामिल हैं। इन विकास कार्यों का इंतजार लोगों को लंबे अर्से से था क्योंकि इन विकास कार्यों के अभाव में लोग वर्षों से परेशानियों से जूझ रहे हैं। अब हरियाणा विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक है और विकास कार्य लटके रहेंगे।
सीएम की घोषणाएं वर्षों से हैं लंबित
काफी ऐसी मुख्यमंत्री की घोषणाएं हैं जो पिछले करीब साढ़े तीन साल से लंबित हैं जिनमें लक्ष्मण विहार में पंजीरी पलांट पर प्रस्तावित सामुदायिक भवन निर्माण के निर्माण में प्रशासनिक लापरवाही सामने आ रही है। जिस पंजीरी प्लांट पर सामुदायिक भवन का निर्माण कराना है वह जमीन समाज कल्याण विभाग की है। इस जमीन को नगर निगम को हस्तांतरित किए जाने में लापरवाही का परिचय दिया गया। उधर सूरतनगर में भी सामुदायिक भवन का निर्माण लंबित पड़ा है।