संजय जोशी बोले, एनडीए में सभी क्षेत्रीय व छोटे दल स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं
punjabkesari.in Friday, Jul 21, 2023 - 07:45 PM (IST)

गुडगांव ब्यूरो : एक समय में संघ प्रचारक रह चुके व पूर्व संगठन महामंत्री संजय विनायक जोशी अपने स्तर पर खूब सक्रिय हैं। आज वसंतकुंज नई दिल्ली स्थित भाजपा पदाधिकारी उषा शुक्ला के निवास पर उनसे बातचीत हुई। इस दौरान संजय जोशी ने स्पष्ट किया कि उनका पीएम मोदी से न तो कोई मतभेद हैं और न मनभेद।
उनका कहना था कि भाजपा व संघ परिवार अपने लक्ष्य, मुद्दों व जनता से किए गए वादों के प्रति समर्पित है। हम लक्ष्य को हासिल करने के किए अपने मार्ग से यदि कभी भटक भी जा रहें हैं तो इसमें विचलित व चिंतित होने की जरूरत नहीं है। रणनीति व परिस्थिति मुताबिक हम अपना मार्ग समय-समय पर बदलते रहते हैं, लेकिन मंजिल पर पहुंचना ही हमारा एकमात्र ध्येय है।
संजय जोशी का कहना था कि 2025 में संघ के स्थापना का 100th गोल्डन जुबली वर्ष आ रहा है और यह हम सभी के लिए एक एतिहासिक पल रहेगा। इस एतिहासिक पल को औऱ अधिक भव्य बनाने के लिए 2024 में नरेंद्र भाई मोदी का तीसरी बार पूर्ण बहुमत में आना अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस द्वारा एक भ्रामक वीडियो प्रसारित किया, जहां उन्होंने मोदी की जगह सेकंड अलटरनेट नेतृत्व आगे करने की अफवाह उड़ाई थी, जो सत्य से परे है। उनका कहना था कि विपक्ष अपने महागठबंधन, जो पूर्णतया बेमेल है, उसको सही सिद्ध करने हेतु फेक न्यूज़ प्रसारित करा रहा है।
एनडीए गठबंधन में इतने सारे दल क्यूं हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए संजय विनायक जोशी ने कहा कि 1977 में हमने इंदिरा गांधी को सत्ता से हटाने के लिए जनसंघ का विलय तक जनता पार्टी में कर दिया था औऱ लक्ष्य प्राप्ति के बाद हम जनता पार्टी से अलग हों कर भाजपा बनाई गई। 1980 के बाद हमें 34 साल लगे पूर्ण बहुमत में सरकार बना पाए।
आज 2024 चुनावों के देखते हुए फिर जरूरी है कि हम भ्रष्ट कांग्रेस व विपक्ष को सत्ता में आने से रोकें, इसलिए हम सभी सहयोगियों को साथ लेकर चल रहे हैं। हम किसी सहयोगी को छोटा समझ कर उन्हें अपमानित नहीं करते। यही वजह है कि एनडीए में सभी क्षेत्रीय व छोटे दल स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं।
इमरजेंसी के दौरान आई जनता पार्टी अब पुनः संगठित होने का प्रयास कर रही है। जनता पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष नवनीत चतुर्वेदी अब तक विपक्षी गठबंधन में नहीं गए हैं। हालांकि उन्हें आमंत्रित किया गया था। उस समय यह कयास लगाया गया कि वो एनडीए गठबंधन में जाएंगे, लेकिन वो एनडीए के साथ भी नहीं गए। उन्हें एनडीए में जोड़े जाने पर भाजपा की क्या राय है। इस सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि जनता पार्टी से हमारा गर्भ नाल का रिश्ता रहा है। वो हमसे अलग हो ही नहीं सकते। मैं जिम्मेदारी लेता हूं कि जिस दिन मैं नवनीत चतुर्वेदी से एक बार मिल लूंगा वो मेरी बात नहीं टाल सकते वो आज नहीं तो कल एनडीए का हिस्सा जरूर बनेंगे।
संजय जोशी का कहना था कि वो अपने स्तर पर तमाम संभावित बागी व निर्दलीय लड़ने वाले लोकसभा चुनाव कैंडिडेट जो अलग अलग दलों से हों सकते हैं उन पर नजर बनाए हुए हैं ताकि वो उनकी मदद भी लें सकें चुनावी रणनीति के तहत।