हसदेव अरण्य को बचाओ: ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन की मुहिम

punjabkesari.in Thursday, Jan 04, 2024 - 08:39 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : दिल्ली प्रेस क्लब में हुई एक महत्वपूर्ण घटना में, ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन ने हसदेव अरण्य को संरक्षित करने के लिए अद्वितीय पहल की शुरुआत की है। इस मुहिम का उद्देश्य है हसदेव जंगल की भूमि को बचाना और इसे सुरक्षित रखना।

 

 

जंगल और जल संरक्षण: ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन के संस्थापक, श्री सैंडी खांडा ने हसदेव बचाओ अभियान की शुरुआत की है जिसमें दिल्ली के हरित कार्यकर्ता, मयंक गुप्ता, और ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन की दिल्ली शाखा के युवा सदस्यों ने साथ मिलकर काम किया है। इसमें हसदेव जंगल के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए उनका साथ है।

 

जंगल और कोयला खनन: ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन ने कोयला खनन के लिए जंगल के पेड़ों की अनधिकृत कटाई को मानव सभ्यता के लिए एक दुखद घटना बताया है और इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार की अनैतिक कटाई ने जंगली प्रजातियों को बाधित किया है और जंगली जीवों के प्राकृतिक आवास को संघर्ष में डाला है।

 

आदिवासी समुदायों का समर्थन:हरित कार्यकर्ता मयंक ने छत्तीसगढ़ में रहने वाले आदिवासी समुदायों के साथ मिलकर प्रकृति के प्रति समर्पित आंदोलन में युवाओं को जोड़ने के लिए एक आवाज बनाई है। इससे सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती मिल रही है और उनका अधिकार रक्षा करने के लिए जुटाव बढ़ रहा है।

 

जनसचेतना का अभियान: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को हसदेव और इसके समर्थन में महत्वपूर्ण जंगलों के प्रति सकारात्मक रूप से प्रेरित करना है, जो वायु प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके माध्यम से जनता को जंगलों के महत्व और उनके सांरचनिक योजनाओं में शामिल होने के लाभ के बारे में शिक्षित किया जा रहा है।

 

हसदेव अरण्य को बचाने हेतु बीते  समय से चले इस गतिरोध में  स्थानीय नागरिकों व कई हरित कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई जो सरकारी तंत्र पर कई सवाल भी उठाता है किंतु हरित कार्यकर्ताओ का जंगलों के हित में विभिन्न तरीको से योगदान इस आंदोलन को राष्ट्र व्यापी बनाने में सफल रहा है,

 

वर्तमान में मानव अपने उपभोग के लिए नियमित पर्यावरणीय चुनौतियों का दायरा बढ़ाता जा रहा है व इन सभी पर अंकुश लगाने हेतु ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन जैसी विभिन्न संस्थाओ का योगदान इसमें महत्वकारी प्रभाव डालता है एक जंगल जिसपर जीव जंतु  व समस्त सभ्यता निर्भर करती है, यदि जंगलों को इस तरह अपने फायदे हेतु काटा जाता रहा तो एक दिन इनका जीवन संकट में होगा, इन चुनौतियों से  निपटने के लिए एकजुट एकता से आवाज उठाना जरूरी साबित होता है। दिल्ली में आयोजित इस अनूठे प्रदर्शन ने जंगलों के प्रति अपना महत्वकारी योगदान दिया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Gaurav Tiwari

Related News

static