उलझते रिश्तों को संभालने के लिए मन से शक को निकालना जरूरी: राहुल राय गुप्ता

punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 06:01 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो: भागदौड़ भरे इस युग में रिश्तों की उलझनें बढ़ती ही जा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है रिश्तों में शक का पैदा होना। शक एक ऐसा मर्ज़ है, जिसकी कोई दवा नहीं है लेकिन डिटेक्टिव गुरु राहुल राय गुप्ता ऐसा नहीं मानते। उनसे बात की हमारे संवाददाता—— ने। पेश हैं उसी बातचीत के मुख्य अंश।

आप खुद को ज़ख्मी रिश्तों का डॉक्टर कहते हैं तो क्या वाकई आप ज़ख्मी रिश्तों का इलाज करते हैं। कैसे?

जी बिलकुल। उलझते रिश्तों को संभालने और सहेजने के लिए सबसे पहले मन से शक को निकालना बहुत जरूरी होता है। बहुत बार ऐसा होता है कि इंसान के मन में शक इस कदर घर कर जाता है कि अपने पार्टनर की अच्छी बातें भी बुरी लगने लगती हैं, लेकिन यदि आपको कोई सही राय देने वाला मौजूद हो तो इसे मन से निकाला जा सकता है। आप किसी अच्छे डिटेक्टिव के पास जाते हैं तो वो आपके केस की स्टडी करके काफी कुछ भांप जाते हैं और अगर उन्हें लगता है कि आपका शक महज शक ही है तो वे आपकी काउंसलिंग करके उसे दूर करने का प्रयास करेंगे। वरना इन्वेस्टीगेशन से तो सब सामने आ ही जाता है। मेरे कैरियर में ऐसे कई केस आए हैं, जिनमें काउंसलिंग और इन्वेस्टीगेशन की वजह से रिश्ते बेहतर हुए हैं।

 आप शादी से पहले की इन्वेस्टीगेशन पर काफी ज़ोर देते हैं, यहां तक कि लव मैरिज में भी, ऐसा क्यों?

शादी से पहले वेरिफिकेशन करना बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि इसमें आपकी पूरी ज़िंदगी दांव पर लगी होती है। आप किसी पोर्टल के जरिए रिश्ता देखते हैं या फिर जान पहचान के लोगों के माध्यम से, बहुत सी ऐसी चीज़ें होती हैं, जो सिर्फ मिलने मिलाने से पता नहीं चलती। अकसर ऐसा होता है कि पहले तो सब अच्छा लगता है लेकिन बाद में बहुत सारी कॉम्लिकेशन्स आती हैं, जिनकी वजह से शादी तो खराब होती ही है, दोनों परिवारों को मानसिक कष्ट भी झेलना पड़ता है। इसलिए मेरी हर माता पिता को सलाह है कि वे शादी का बजट बनाते समय इन्वेस्टीगेशन को भी शामिल करें ताकि बाद में उनको कभी पछताना न पड़े।

यहां तक लव मैरिज का सवाल है, उसमें भी अक्सर हमें ऐसे बहुत से केस देखने को मिलते हैं, जिनमें शादी से पहले कई बातों का पता ही नहीं होता और जब शादी के बाद  वे साथ रहने लगते हैं तो बहुत से खुलासे होते हैं, जिनसे उनके बीच दरार पड़ने  लगती है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि दोनों ही पक्ष आश्वस्त होते हैं कि उन्हें एक-दूसरे के बारे में सब पता है मगर यह हमेशा सच नहीं होता खासकर आज के दौर में। इसीलिए लव मैरिज हो, चाहे अरेंज मैरिज, शादी से पहले इन्वेस्टीगेशन कराना बेहद जरूरी है।

अक्सर आप अपने पेशे की तुलना डॉक्टर से करते हैं, क्या यह सही है? उ. जी, यह बिलकुल सही है क्योंकि डॉक्टर शरीर की बीमारियों का इलाज करता है और हम रिश्तों की उलझनों का इलाज करते हैं।

इन्वेस्टिगेशन में सक्सेस रेट क्या है?

जिस प्रकार डॉक्टर अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता है कि मरीज ठीक हो जाए, उसी तरह हम भी अपने केस में जी जान लगा देते हैं ताकि क्लाइंट की समस्या का समाधान निकल जाए। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि क्लाइंट हमें सही से अपनी समस्या बता ही नहीं पाता, या फिर यूं कहें कि वे हमसे कुछ छुपा लेते हैं, इससे हमारी मुश्किलें बढ़ जाती हैं और उनकी समस्या का सही समाधान नहीं हो पाता। इसलिए मैं अक्सर क्लाइंट से कहता हूं कि जिस तरह डॉक्टर से अपने बीमारी के बारे में कुछ नहीं छुपाना चाहिए, उसी तरह डिटेक्टिव को भी अपनी समस्या साफ-साफ बता देनी चाहिए ताकि हम सही तरीके से उसे हल कर पाएं।

लव मैरिज या फिर लव कम अरेंज मैरिज में अगर कुछ गलत निकलता है और लड़का व लड़की शादी करना ही चाहते हैं लेकिन उनके माता पिता ऐसा हरगिज नहीं चाहते तो ऐसे में आप उन्हें क्या राय देंगे?

 जाहिर सी बात है कि लड़का और लड़की प्यार में होते हैं और उन्हें एक-दूसरे में बुराई नज़र नहीं आती। ऐसे में हम उनकी काउंसलिंग करते हैं और उन्हें शादी के बाद होने वाली प्रॉब्लम्स के बारे में बताकर यह मशविरा देते हैं कि वे अपनी ज़िंदगी को दांव पर न लगाएं वरना उन्हें पूरा जीवन पछताना पड़ेगा। लेकिन आजकल ऐसा भी हो रहा है कि बजाय इसके कि माता पिता इन्वेस्टीगेशन करवाएं, लड़का या लड़की खुद ही अपने मंगेतर या फिर यूं कहें कि प्रेमी/प्रेमिका के बारे में सब कुछ पहले से ही जानना चाहते हैं और वे खुद ही बहुत से सवालों के साथ हमारे पास आते हैं। अगर  इन्वेस्टिगेशन के दौरान कुछ गलत निकलता है तो उन्हें समझाना काफी आसान हो जाता है।

 हमारे पाठकों को क्या सलाह देना चाहेंगे?

जैसा कि सभी जानते हैं कि आज का दौर बहुत तेज और व्यस्तता भरा है। शादी से पहले इन्वेस्टिगेशन करवाकर और अपने होने वाले पति या पत्नी के बारे में सब कुछ जानकर कोई फैसला लेना ही स्मार्ट मूव है। इससे आप न केवल बहुत-से झंझटों से बचेंगे बल्कि अपने पार्टनर के साथ एक खुशहाल जीवन भी जी पाएंगे। एक बात और, जब भी आप इन्वेस्टीगेशन करवाना चाहें तो किसी सर्टिफाइड डिटेक्टिव के पास ही जाएं वरना आपके पैसे और समय दोनों की बर्बादी हो सकती है।

 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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