राहत: 15 साल पुराने निजी वाहन 1 अप्रैल के बाद भी चंडीगढ़ में दौड़ सकेंगे, अनिवार्य नहीं है स्कैपिंग

punjabkesari.in Thursday, Mar 30, 2023 - 05:08 PM (IST)

हरियाणा (स्पेशल डेस्क) : चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि निजी वाहनों को स्क्रैप कराना अनिवार्य नहीं है लेकिन निजी वाहन मालिकों के पास स्क्रैप कराने का विकल्प मौजूद है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 2021 में वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी लेकर आई थी। इसके मुताबिक 15 साल सेवाकाल पूरा कर चुके वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार से मिले आदेशों के तहत यूटी प्रसाशन 15 साल से अधिक पुराने 98 सरकारी वाहनों को हटाने के लिए तैयार है। अधिकारियों ने बताया कि इन वाहनों का पंजीकरण 1 अप्रैल से रद्द कर दिया जाएगा।

ले सकेंगे कर में छूट

हालांकि आम जनता वाहन का सेवाकाल पूरा होने के बाद अपने वाहनों को कबाड़ करना चाहती है, तो सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीओडी) यानी जमा प्रमाण पत्र जमा करने के बाद नए वाहनों के लिए कर में छूट ले सकती है। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, जिन सरकारी वाहनों ने अपना जीवन काल पूरा कर लिया है, उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद रद्द कर दिया जाएगा।चंडीगढ़ प्रशासन ने सभी विभागों से ऐसे वाहनों की जानकारी ले ली है। जिन्होंने अपना जीवन काल पूरा कर लिया है। ऐसे वाहनों की स्क्रैपिंग के बाद संबंधित विभागों को डिपॉजिट सर्टिफिकेट विभिन्न विभागों से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, 98 ऐसे सरकारी वाहन हैं, जिन्हें कबाड़ किया जाएगा।

2021 में आई पॉलिसी

केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी पेश की थी। पिछले साल नवंबर में, 15 साल का जीवन काल पूरा कर चुके सरकारी वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया था। हालांकि निजी वाहनों को इसमें छूट दी गई है।

 

क्यों जरूरी है वाहनों की स्क्रैपिंग

• यह देश में अधिक स्क्रैप यार्ड बनाने और पुराने वाहनों के कचरे से प्रभावी रूप से निपटने में मदद करेगा।
• इससे भारी और मध्यम वाणिज्यिक वाहनों कोविड- 19 महामारी से उत्पन्न स्थितियों के कारण आर्थिक मंदी में थे, की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा।
• इस नीति से सरकारी खजाने को वस्तु और सेवा कर के माध्यम से करीब 30,000 से 40,000 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है।
• स्क्रैप सामग्री सस्ती होने से वाहन निर्माताओं की उत्पादन लागत कम हो जाएगी।
• इससे ईंधन दक्षता में सुधार और प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

 

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Content Writer

Manisha rana

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