खनन कार्य से 2 बच्चों की हुई थी मौत, मानव अधिकार आयोग ने अभिभावकों को 1-1 लाख देने के दिए आदेश

punjabkesari.in Tuesday, Oct 05, 2021 - 04:01 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): गांव गुडावली जिला पलवल में खनन कार्य के कारण बने बड़े खड्डे में पानी भरने से बने तलाब में मार्च 2018 में दो बच्चों की डूबकर मृत्यु हो गई थी। हरियाणा मानव अधिकार आयोग में गुहार लगाते हुए वादी ने इसे सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हुई मौत बताया था। इस मामले पर हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए खनन विभाग तथा पलवल पुलिस द्वारा इस मामले की रिपोर्ट मांगी थी। 

इस मामले में उपायुक्त पलवल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उक्त खान का प्लीज सन 2005 में किसी व्यक्ति को दी गई थी, जो कि 2008 में समाप्त हो गई थी। उसके बाद उक्त खान जिसमें पानी भरा हुआ था वह खनन विभाग के अधीन थी जिस पर कटीली तारे और रुकावटें लगाकर हम लोगों के आने-जाने को अवरुद्ध किया गया था तथा विभाग द्वारा एक चौकीदार भी वहां पर नियुक्त किया गया था परंतु ग्रामीण लोग अपने पशुओं को पानी पिलाने के लिए तथा कपड़े धोने के लिए उक्त तलाब पर जाते थे। लोगों ने कटीली तारे तथा रुकावट को हटा दिया था जिस वजह से दो छोटे बच्चों की डूबकर मार्च 2018 में मृत्यु हो गई थी।

उपायुक्त पलवल ने अपनी रिपोर्ट में इस मामले में किसी को भी दोषी नहीं माना था। जिस पर आयोग ने अपना असंतोष जाहिर करते हुए इस विषय में विस्तृत रिपोर्ट उपायुक्त के साथ-साथ एसपी पलवल से मांगी थी। इस पर एसपी पलवल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उक्त मामले में एक एफ आई आर नंबर 8, 4 अक्टूबर 2019 को दर्ज की गई थी।  जस्टिस एसके मित्तल तथा सदस्य जी भाटिया की खंड पीठ ने पाया कि इस विषय में सरकार द्वारा 441800 रुपए खनन विभाग को उक्त स्थान की पुनर्स्थापना हेतु आवंटित किए थे तथा विभाग द्वारा एक चौकीदार भी नियुक्त किया गया था।

ऐसे में यदि वहां ग्रामीणों द्वारा अपनी रोजमर्रा की जरूरत के लिए आना जाना लगा हुआ था तो यह फरीदाबाद से खनन विभाग की लापरवाही थी जिसकी वजह से 2 बच्चों की जान चली गई। खनन विभाग की जिम्मेदारी को मानते हुए हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने अपने आदेश में हरियाणा सरकार से दोनों बच्चों के अभिभावकों  एक एक लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है। 

 

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Content Writer

vinod kumar

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