हरियाणा के इस जिले में 234 स्कूलों को जारी हुए नोटिस, जानें वजह
punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 02:43 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): शिक्षा विभाग ने उज्जवल पोर्टल पर स्कूल की सीटों की जानकारी न देने वाले 234 स्कूलों को नोटिस जारी किया है। राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत स्कूलों में सीटों की जानकारी न देने वालाें के खिलाफ शिक्षा मंत्री ने मान्यता रद्द करने जैसी कार्रवाई करने के भी आदेश जारी कर दिए हैं। इस नोटिस के बाद निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है। स्कूलों को यह नोटिस जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से भेजा गया है और इसका जवाब एक सप्ताह में देने के लिए कहा है।
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दरअसल, गुड़गांव में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से 234 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हालांकि इनमें से कुछ स्कूलों के बंद होने की सूचना भी है। इन स्कूल संचालकों द्वारा राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत स्कूल एडमिशन की प्रक्रिया पूरी नहीं की थी। स्कूलों की तरफ से आरटीई के तहत 25 प्रतिशत सीटों का ब्योरा जारी करना होता है, लेकिन स्कूलों ने सीटें उज्ज्वल पोर्टल पर नहीं दर्शाई। बता दें कि गुड़गांव के चारों ब्लॉक में स्थित 234 स्कूल ऐसे हैं, जिनके द्वारा आरटीई के तहत जारी होने वाली सीटों की जानकारी नहीं दी है। इसमें से कई स्कूल बंद भी हो चुके हैं।
ज्ञात रहे कि आरटीई एक्ट 2009 की धारा 12(1) (सी) के तहत के तहत हरियाणा में सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों पर जरूरतमंद बच्चों को दाखिला देना अनिवार्य है। अगर स्कूलों ने शिक्षा विभाग के नियमों की पालना नहीं की तो उनके खिलाफ मान्यता रद्द करने का भी कदम उठाया जा सकता है। आरटीई के तहत जिन निजी स्कूलों ने सीटों का ब्योरा पोर्टल पर जारी नहीं किया था, उन्हें नोटिस देकर 25 अप्रैल तक शिक्षा विभाग ने जवाब मांगा है।
हर साल नहीं हो पाते पूरे एडमिशन
गुड़गांव समेत हरियाणा में आरटीई के तहत एडमिशन लेने के लिए कई हजार स्टूडेंट्स आवेदन करते हैं, लेकिन बाद में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर पाते हैं और स्टूडेंट्स को मजबूरन सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेना पड़ता है। फिलहाल 234 स्कूलों को गुड़गांव जिले में नोटिस थमाए गए हैं, लेकिन हर बार मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। हालांकि शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने जानकारी न देने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने के आदेश भी दिए हैं, लेकिन देखना यह होगा कि इस बार शिक्षा विभाग स्कूलों की मनमानी पर किस तरह की कार्रवाई करता है।