नशेड़ी घरों में बेचैन होकर मचा रहे हैं उत्पात, नहीं मिल पा रहा है ड्रग

punjabkesari.in Sunday, Apr 12, 2020 - 12:57 PM (IST)

गुडग़ांव (पी मार्कण्डये) : लॉक डॉउन के दौरान शराबियों ने तो किसी तरह खुद को नियंत्रित कर रखा है लेकिन मैडिकल नशे के आदी हो चुके लोग घरों में उत्पात मचा रहे हैं। इंजेक्शन, कोकीन और तरह-तरह के ड्रग्स लेने वाले नशेड़ी बेचैन हो रहे हैं और अपने घरों-मुहल्लों में उत्पात मचा रहे हैं। सबसे अधिक समस्या उन नशेडिय़ों को है जो कि घूमंतु नशेड़ी है और सार्वजनिक स्थानों पर नशा करके पड़े रहते हैं।

इनको एक तो घरों से निकलने में पाबंदी है तो दूसरी तरफ मैडिकल स्टोर भी इन्हें ड्रग्स नहीं मिल पा रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ शराब के शौकीन भी लॉक डॉउन में दुकानों को बंद कराने पर सरकार को कोसते नजर आ रहे हैं। लॉक डॉउन के दौरान तरह-तरह के नशे के आदी युवकों में खासा बेचैनी है। हाईप्रोफाईल घरों में जहां युवक युवतियां बॉर, हुक्का बॉर और क्लब आदि जाने के शौकीन थे और वहां पर नशा किया करते थे वे अब उधम मच रहे हैं। 

कई घरों में लोग मनोचिकित्सकों और नशा उन्मूलन केंद्र आदि के बारे में जानकारी लेने के लिए परेशान दिखाई दे रहे हैं। ये नशेड़ी कोकीन, इंजेक्शन, दर्द निवारक दवाएं और नींद आदि की दवाएं या ड्रग्स आदि लिया करते थे जो इन दिनों नहीं मिल पा रहा है। तो वहीं नशेडिय़ों की बड़ी जमात ऐसी भी है जो कि सूल्फा, गांजा या भांग आदि का सेवन सिगरेट में भरकर किया करता था। इनकी बिक्री कुछ निश्चित दुकानों से शहर में हुआ करती थी। लेकिन दुकानों के बंद होने से अब इस तरह के नशों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। 

कुछ जुगाड़ है क्या भाई 
लॉक डॉउन के दौरान शराब की दुकानें भी बंद करा दी गई है। हांलाकि इसे लोगों ने पसंद नहीं किया और जैसे ही पता चला कि मयखाने पर ताला बंद होने जा रहा है। लोगों ने अपनी-अपनी जरुरतों के मुताबिक स्टोर करने का भी प्रयास किया। लेकिन तीन हफ्ते तक चलने वाले लॉक डॉउन में अब कोटा खत्म हो गया है। तो शराब के शौकीन अब अपने जान-पहचान के दोस्तों और यहां तक कि पत्रकारों और पुलिस से भी सम्पर्क कर रहे हैं कि भाई कुछ जुगाड़ है क्या? 

लोगों का कहना है कि रात में नींद नही आती और टाईम पॉस नहीं हो पा रहा है। आखिर शराब की दुकानों से सरकार को क्या दिक्कत थी। तो वहीं कुछ जगहों पर चोरी-छिपे बिक्री करने की भी बातें आ रही है। बताया जाता है कि जो बोतल चार सौ रुपए की मिलती थी उसे अब हजार- बारह सौ रुपए देने तक के लिए लोग तैयार है इसके बाद भी उनका शौक पूरा नहीं हो पा रहा है।  


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Edited By

Manisha rana

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