...और हरियाणा में ऐसे मनाया जाता है तीज का त्यौहार

punjabkesari.in Saturday, Aug 03, 2019 - 02:56 PM (IST)

गोहाना/ भिवानी (सुनील जिंदल/अशोक भारद्वाज): हरियाणवीं संस्कृति का प्रतीक तीज का त्यौहार पूरे प्रदेश में परम्परागत ढंग से मनाया जा रहा है वहीं गोहाना मे भी अलग-अलग स्थानों पर महिलाओं ने अपने अपने तरिके से तीज का त्यौहार को मनाया। गोहाना में कई महिला संघठन में मिलकर अपने ही अंदाज में तीज का त्यौहार मानते हुए नाच गाकर अलग झूला झूल कर त्यौहार को मनाया।

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बता दें कि हरियाणा में तीज के त्यौहार पर झूले झूलने के साथ-साथ महिलाएं लोकगीत भी गाती हैं। वहीं तीज का त्यौहार न सिर्फ गाँवों में बल्कि शहरों में भी झूले डालने की तैयारियाँ सावन लगते ही शुरू हो जाती हैं। इस त्यौहार पर बरसात का मौसम अपने चरम पर होता है और प्रकृति में सभी और हरियाली होती है जो इसकी खूबसूरती को दुगुना कर देती है इसी कारण से इस त्यौहार को हरियाली तीज भी कहते हैं।

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तीज को लेकर कामकाजी महिलाओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है। हर कोई अपने परिवार में ही इस त्यौहार को मनाता है। सावन के मौके पर अनेक स्थानों पर झूले सजते हैं और महिलाएँ झूला भी झूलती हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले इन त्यौहारों को मनाने के लिए वक्त की कोई कमी नहीं थी। इस त्योहार पर महिलाओं के मायके से ससुराल में कोथली ले जाने की भी परंपरा है जिसमें भाई अपनी बहन के लिए मेहँदी चूड़ियाँ मीठी सुहाली घेवर और मिठाइयाँ आदि लेकर जाते हैं जिसके आने का बहन को भी बेसब्री से इंतजार रहता है। इस मौके पर सास भी अपनी बहुओं को सिंधारा देती हैं जिसके लिए तैयारियाँ कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं।

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वहीं महिला अध्यक्ष नमिता तंवर ने कहा कि आज हमारी संस्कृति कही ने कही लुप्त होती जा रही थी। इस संस्कृति को बचाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में महिलाओं ने झूले झुके है गाने गए है। इस त्यौहार को प्रेम से मनाया गया है।


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Edited By

Naveen Dalal

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