राम रहीम के बरी होने के फैसले पर अंशुल छत्रपति ने जताई निराशा, परिवार को दी SC का दरवाजा खटखटाने की सलाह
punjabkesari.in Tuesday, May 28, 2024 - 03:46 PM (IST)
सिरसा (सतनाम सिंह): डेरा मैनेजमेंट मेंबर व साधु रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित सभी दोषियों को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए इस केस से उन्हें बरी कर दिया है। इस मामले को लेकर दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने इसे निराशाजनक बताते हुए इस फैसले से असहमति जताई है। वही अंशुल ने कहा कि रणजीत सिंह के परिवार के सामने अभी उच्चतम न्यायालय के रास्ते खुले हैं। वहीं उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रॉसीक्यूशन एजेंसी सीबीआई को भी अपने तौर पर इस फैसले को चैलेंज करना चाहिए।
अंशुल छत्रपति ने जताई निराशा
दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने हाई कोर्ट द्वारा रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में गुरमीत राम रहीम सहित सभी दोषियों को बरी किए जाने के फैसले पर निराशा जताते हुए इससे अपनी असहमति जताई है। अंशुल छत्रपति ने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने पूरे सुबूत अदालत के सामने रखें और परिवार ने भी कोर्ट में अपनी तरफ से कानूनी लड़ाई लड़ते हुए दोषियों को उम्र कैद की सजा दिलवाई थी। अंशुल ने कहा कि आज जो हाईकोर्ट का फैसला आया है जिसमें राम रहीम सहित सभी दोषियों को बरी कर दिया गया है। अंशुल ने कहा कि कहीं ना कहीं ये मामला गुरमीत राम रहीम सिंह पर चल रहे दूसरे केसों साध्वी यौन शोषण और गुमनाम चिट्ठी रणजीत सिंह हत्याकांड से जुड़े हुए है।
अंशुल छत्रपति ने कहा कि इस मामले में इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अपना काम सही से किया और तमाम सबूत अदालत ने सही पाए और सभी दोषियों को सजा सुनाई। वही अंशुल ने कहा कि आज जो हाईकोर्ट का फैसला आया है उसको लेकर परिवार के पास उच्चतम न्यायालय में जाने के हर लीगल रास्ते खुले हैं और पीड़ित परिवार को इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में इसे चैलेंज करना चाहिए और वो करेंगे भी। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी सीबीआई को भी इसमें अपने तौर पर इस फैसले को चैलेंज करना चाहिए। वहीं इस फैसले के बाद दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के फैसले पर असर को लेकर अंशुल छत्रपति ने कहा कि अभी उनके मामले में अपील पर सुनवाई नहीं आई है और जब ये मामला सुनवाई पर आएगा तो निश्चित तौर पर उन्होंने पहले भी कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ी है और उच्चतम न्यायालय के रास्ते अभी खुले हैं निश्चित तौर पर आखिर तक लड़ाई लड़ी जाएगी।
जानिए पूरा मामला
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित सभी दोषियों को साल 2021 में इस मामले में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। कुरूक्षेत्र के गांव खानपुर निवासी रणजीत सिंह की वर्ष 2002 में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने जांच की थी। जांच रिपोर्ट में सुनवाई के बाद न्यायालय ने डेरा प्रमुख सहित अन्य को दोषी करार देते उम्र कैद की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि रणजीत सिंह का परिवार डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ था। साल 2002 में रणजीत सिंह अपने परिवार सहित डेरा से वापिस चला गया। इसके बाद साध्वी यौन शोषण को लेकर एक चिट्ठी सार्वजनिक हुई। इसके बाद रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी।
सीबीआई की जांच के बाद चार्जशीट दायर की जिसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह, मैनेजर इन्द्रसैन, कृष्ण लाल व अवतार सिंह को हत्या करवाने में शामिल बताया गया था। हत्या डेरा प्रमुख के गनमैन सबदिल और यूपी के शूटर जसबीर ने की थी। बताया गया था कि इस केस से जुड़े दो लोग (इन्द्रसेन व शूटर जसबीर) की मौत हो चुकी है। वहीं इस मामले में CBI कोर्ट ने सभी को सजा सुनाई थी। इस मामले में डेरा प्रमुख की ओर से पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। आज हरियाणा पंजाब उच्च न्यायालय ने इस मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम सिंह सहित बाकी सभी दोषियों को बरी कर दिया है।
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