बरोदा उपचुनाव : दिग्गजों का साथ और ‘चौधर’ का नारा किसका बनेगा सहारा?

punjabkesari.in Saturday, Oct 24, 2020 - 08:28 AM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दूसरे कार्यकाल में होने जा रहा बरोदा विधानसभा का उप-चुनाव ‘चौधर’ और बड़े दिग्गजों की व्यक्तिगत साख का सवाल बनने के साथ-साथ इस चुनाव में उम्मीदवारों से कहीं ज्यादा बड़े नेता आकर्षण का केंद्र बने हैं और मतदाता भी उम्मीदवारों की बजाय अपनी पसंद के बड़े नेताओं के नाम का जिक्र करते हुए ही उनके पक्ष में वोट की बात करते हैं। 

भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में जनवरी 2019 में हुए जींद उप-चुनाव में बड़े चेहरों के मैदान में आने से उम्मीदवार ही आकर्षण का केंद्र थे,जबकि बरोदा में सियासी परिस्थितियां उससे हटकर हैं। बेशक बरोदा भी जींद की तरह ही जाटलैंड कहा जाता है, मगर इस सीट पर हो रहे उप-चुनाव में उम्मीदवारों की नहीं बल्कि भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा एवं इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के लिए साख का सवाल है तो यह उप-चुनाव सभी सियासी दलों की ओर से चौधर का नारा देकर लड़ा जा रहा है।

गौरतलब है कि उप-चुनाव में अब 10 दिन का समय रह गया है। ऐसे में सभी दलों के दिग्गज नेताओं ने बरोदा में डेरा डाल लिया है। सभी दलों की ओर से मतदाताओं को चौधर का नारा देकर ताल ठोकी जा रही है जिसके चलते तमाम स्थानीय मुद्दे गौण से हो गए हैं। यह बात अलग है कि विकास के नारे पर भाजपा, कांग्रेस व इनैलो के नेता एक-दूसरे को घेरते नजर आ रहे हैं। भाजपा की ओर से हरियाणा की चौधर में भागीदारी का तर्क मतदाताओं को दिया जा रहा है। इसी को आधार बनाकर भाजपा चुनाव प्रचार में जुटी है वहीं लगातार तीन बार यहां से जीत दर्ज कर चुकी कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री की कुर्सी फिर से लाने और चौधर वापस लाने को आधार बनाकर मतदाताओं के बीच जाया जा रहा है। इनैलो भी चौधर के नारे को बुलंद कर रही है। 

चुनावी नतीजे करेंगे कार्यकत्र्ताओं में जोश का संचार
विशेष बात यह है कि इस उप-चुनाव के नतीजे से सियासी परिदृश्य पर सरकार के नजरिए से कोई असर नहीं पडऩे वाला। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उसे जजपा के 10 विधायकों के अलावा कुछ आजाद विधायकों का समर्थन हासिल है। कांग्रेस के पास फिलहाल 30, इनैलो के पास 1, हलोपा के पास 1 विधायक है। सियासी पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस उप-चुनाव से बेशक अधिक असर नहीं पड़ेगा,लेकिन यह उप-चुनाव एक तरह से प्रदेश में आने वाली सियासत के रुख को मोडऩे के साथ-साथ जीतने वाले दल के कार्यकत्र्ताओं में जोश का संचार अवश्य कर सकता है, क्योंकि अगले वर्ष फरवरी माह में पंचायत चुनाव और उसके कुछ समय बाद कई जिलों में निकाय चुनाव होने हैं।

हुड्डा और चौटाला उतरे मैदान में, खट्टर 29 से करेंगे प्रचार
अब जबकि उप-चुनाव में मात्र 10 दिन शेष रह गए हैं तो ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके बेटे एवं राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने बरोदा में प्रचार अभियान तेज कर दिया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार से प्रचार अभियान शुरू किया जो 29 अक्तूबर तक जारी रहेगा। इसी तरह से इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने भी शुक्रवार से अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया और वे भी 29 अक्तूबर तक मतदाताओं के बीच जाएंगे। वहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 29 एवं 31 अक्तूबर को प्रचार अभियान चलाएंगे। इसी प्रकार से लोसुपा के नेता भी प्रचार अभियान में उतरे हुए हैं।

उम्मीदवार भी अपने नेताओं के नाम पर मांग रहे वोट
विशेष बात यह भी है कि उम्मीदवार भी स्थानीय मुद्दों से कहीं अधिक अपने बड़े नेताओं के नाम के सहारे ही अपनी नैय्या पार लगाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। 

स्टार प्रचारक भी उतरे मैदान में
तमाम सियासी दलों की ओर से स्टार प्रचारकों की भी लिस्ट जारी कर दी गई है। भाजपा ने 30 नेताओं को स्टार प्रचारक के रूप में शामिल किया है। इसी प्रकार से इनैलो व कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची में भी 30 लीडर्स शामिल हैं। 


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Manisha rana

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