भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण, जस्टिस सूर्यकांत ने खुद को मामले से किया अलग

punjabkesari.in Wednesday, Oct 14, 2020 - 10:19 AM (IST)

हांसी : भाटला के सामाजिक बहिष्कार प्रकरण के मामले में पीड़ित याचिकाकर्त्ताओं द्वारा सी.बी.आई. की जांच की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस रमन्ना व जस्टिस सूर्यकांत की बैंच के समक्ष वर्चुअल सुनवाई हुई। इसमें पीड़ित याचिकाकत्र्ताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कॉलिंन गोंसाल्वेस व रजत कल्सन पेश हुए। 

सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष ने अदालत को बताया कि मामला हरियाणा के गांव भाटला में दलित समाज के सामाजिक बहिष्कार से जुड़ा है, तो इस पर बैंच के सदस्य जस्टिस सूर्यकांत ने पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता को बीच में ही रोकते हुए कहा कि गांव भाटला उनके गांव पेटवाड़ से कुछ ही दूरी पर है, इसलिए वह इस मामले से खुद को अलग कर रहे हैं, जिसके बाद मामले की सुनवाई बैंच द्वारा स्थगित कर दी गई।

अब सुनवाई अगले सप्ताह लिस्ट होने के आसार
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता रजत कलसन ने बताया कि भाटला के सामाजिक बहिष्कार प्रकरण के मामले में गांव के ही दलित समुदाय से संबंधित अजय भाटला, जयभगवान सोडी, सुनील, विकास तथा अमिताभ दहिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर सामाजिक बहिष्कार मामले में सी.बी.आई. जांच की मांग की थी, जिस पर अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान भारत सरकार, हरियाणा सरकार, सी.बी.आई. तथा सामाजिक बहिष्कार की आरोपी भाईचारा कमेटी को तलब कर लिया था तथा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विशेष जांच टीम गठित करने के लिए याचिकाकर्ताओं तथा हरियाणा सरकार से 4-4 पुलिस अधिकारियों के नाम मांगे थे जिस पर याचिकाकर्त्ताओं ने यह नाम पहले ही सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिए थे।

परंतु हरियाणा सरकार की तरफ से यह नाम अभी तक नहीं दाखिल किए गए। अधिवक्ता कलसन ने बताया कि आज की सुनवाई महत्वपूर्ण थी तथा आज महत्वपूर्ण फैसला आने के आसार थे, परंतु जस्टिस सूर्यकांत के खुद को मामले से अलग करने के चलते सुनवाई स्थगित हो गई। कलसन ने बताया कि अब इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होने के पूरे आसार हैं।


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Manisha rana

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