कांग्रेस के नाम भव्य बिश्नोई का आखिरी पैगाम, तीखे तेवर के साथ सालों पुराना दर्द भी छलका

punjabkesari.in Wednesday, Aug 03, 2022 - 03:34 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): कुलदीप बिश्नोई द्वारा विधायक पद से इस्तीफा सौंपने के बाद उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने भी एक ट्वीट कर कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। भव्य ने ट्वीटर पर एक खुला खत शेयर करते हुआ लिखा कि मेरे दादा स्वर्गवासीय भजन लाल ने हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए कड़ी मेहनत की थी, जबकि उनकी मेहनत का फल हुड्डा ने बेशर्मी से खाया था। पिता कुलदीप बिश्नोई की नई राजनीतिक शुरुआत के मौके पर भव्य बिश्नोई ने दादा भजन लाल द्वारा किए गए कामों का भी जिक्र किया।

 

भव्य का आरोप, कांग्रेस ने दादा और पिता के साथ किया धोखा

 

भव्य बिश्नोई ने खुले खत में लिखा कि मेरे परिवार ने 5 दशकों से अधिक समय से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सेवा पूरी लगन और सत्यनिष्ठा से की है। मेरे दादा स्व. भजन लाल ने कांग्रेस पार्टी को सब कुछ दिया। चौ. भजन लाल ही थे, जिन्होंने 4 बार हरियाणा में कांग्रेस को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आखिरी बार 2005 में जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मेरे दादा के श्रम का फल बेशर्मी से खाया था। तब से हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में लगातार गिरावट आई और प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इसी तरह मेरे पिता चौ. कुलदीप बिश्नोई ने 2016 में हजकां का कांग्रेस पार्टी में विलय इस उम्मीद में किया कि उनकी क्षमताओं और लोकप्रियता को भी केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व स्वीकार करके पार्टी की संपत्ति के रूप में उनका उपयोग करेगा। यह सिर्फ़ एक उम्मीद नहीं थी, बल्कि एक स्पष्ट प्रतिबद्धता थी, जो पार्टी नेतृत्व द्वारा उनसे की गई थी। पिछले 6 वर्षों में पार्टी नेतृत्व ने व्यापक रूप से पिताजी के साथ विश्वासघात किया, उनकी क्षमता को बर्बाद किया और उनसे किए गए अपने वादों से मुकर गए।

 

हरियाणा में गैर-निष्पादित व अक्षम नेताओं को दी जा रही बागडोर- भव्य

 

भव्य ने लिखा कि, मेरे पिता कुलदीप बिश्नोई पदों के लालची नहीं हैं, बल्कि परिणाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने लिखा कि उनके पिता पूर्व में हरियाणा के केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री के प्रलोभन को भी ठुकरा चुके हैं। मेरे पिता दिलों पर राज करते हैं और जनसेवा और  जमीनी जंग में नेतृत्व करना पसंद करते हैं। वह हरियाणा के कुछ जमीनी नेताओं में से एक हैं, जिनके पास राज्य के सभी 7,356 गांवों और 154 शहरों और कस्बों में मतदाता और कार्यकर्ता हैं। दुर्भाग्य से वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व, योग्यता की बजाय पैसा और दबाव को पुरस्कृत करता है। अनुशासनहीनता के लिए शून्य जवाबदेही है। गैर-निष्पादित व अक्षम नेताओं को बार-बार राज्यों और निर्णय लेने की जिम्मेदारी दी जाती है। अहंकार एक राजनेता के सबसे बड़े दुश्मन हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें ऐसे गले लगाया है जैसे एक मां अपने बच्चे को लगाती हैं।

 

 (हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भीबस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

 

 

 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Gourav Chouhan

Recommended News

Related News

static