बड़ी-बड़ी बातें करने वाला विपक्ष हर सत्र की तरह करेगा वॉकआउट : प्रवीण अत्रेय
punjabkesari.in Wednesday, Aug 16, 2023 - 09:43 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : 25 अगस्त से हरियाणा के शुरू होने वाले मानसून सत्र में कांग्रेस पार्टी मौजूदा सरकार को नुह हिंसा, बाढ़ और रोजगार संबंधित मुद्दों को लेकर घेरने की बात कह रही है। इस मुद्दे पर डीजीआईपीआर विभाग के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रेय ने कहा कि पिछले 8 साल में हर सत्र से पहले विपक्ष ने बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन सत्र शुरू होते ही इनकी स्थिति उलट हो जाती है। चर्चा से बचते हुए सबसे बड़ा इनका हथियार वॉकआउट रहता है। पिछले साढे 8 साल में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश को आर्थिक दृष्टि, कृषि क्षेत्र और रोजगार के मामले में पूरी तरह से मजबूत किया है। प्रदेश सरकार का हर काम मील का पत्थर साबित हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद और जातिवाद की परम्परा जिसके लिए पूरे देश में हरियाणा बदनाम था उस पर चोट मारते हुए व्यवस्था परिवर्तन का काम किया गया है। हम खुद चाहते हैं कि विपक्ष रोजगार पर चर्चा करे, क्योंकि विधानसभा में तथ्य आधारित बातें होंगी और इन्हें जवाब देना होगा कि उनके कार्यकाल में किसको नौकरियां दी जाती थी। आज प्रदेश सरकार ने 1 लाख 10 हजार पक्की नौकरियां दी। 1 लाख 60 हजार छोटे-बड़े उद्योग हरियाणा में लगे। 12 लाख लोगों को इनमें रोजगार मिला। विपक्ष से हम पूछेंगे कि आखिर उनके समय में इन्वेस्टर्स हरियाणा में क्यों नहीं आते थे, क्यों उद्योग यहां से पलायन कर रहे थे, होंडा जैसी कंपनी में इतनी बड़ी घटना कैसे घटी, मारुति को अपना उद्योग क्यों ले जाना पड़ा, अंत में विपक्ष विधानसभा से वॉकआउट करेगा।
कांग्रेस बताए, माहौल खराब करने के पीछे इनकी मंशा क्या थी
नूंह विवाद मामले पर बोलते हुए अत्रेय ने कहा कि कांग्रेस के विधायक मामन खान ने विधानसभा में उकसावे वाला बयान देकर जो कु-कृत्य किया, उसके बाद सोशल मीडिया पर, फिर एक टीवी में जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया, इस पर कांग्रेस को जवाब देना होगा। हरियाणा में भाईचारे को भंग करके माहौल खराब करने के पीछे आखिर इनका उद्देश्य क्या था। एक जनप्रतिनिधि की भाषा का असर जो जनता के सीधा दिमाग और दिल पर पड़ता है उसे ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। आखिर इन विधायकों की मंशा क्या थी, कांग्रेस को बताना होगा। कांग्रेसी विधायक पहले ट्वीट करता है फिर उसे डिलीट करता है। इसे कैसे उचित और सही कहा जा सकता है।
योग्यता पर नौकरी दिया जाना ही विपक्ष की बड़ी चिंता
प्रश्न पत्रों में सवाल रिवाइज मामले पर उठाए जा रहे विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अत्रेय ने कहा कि पेपर सेट करने वाली एजेंसी को हमारे बोर्ड ने नोटिस दिया है। दरअसल हरियाणा में एक ऐसा गैंग सक्रिय है जो सरकार द्वारा निकाली गई नौकरियों को कोर्ट में ले जाना चाहता है। ग्रुप 56 और 57 एग्जाम में भी इसी प्रकार के प्रयास हुए हैं। बाद में कोर्ट की इजाजत पर एग्जाम हुए। पहले पुलिस भर्ती में भी इसी प्रकार के प्रयास किए गए। लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा ऐसे गैंग पर कानूनी रूप से एक बड़ी कार्रवाई समय-समय पर देखने को मिली है। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में हमने जम्मू कश्मीर तक से भी गिरफ्तारियां कार्रवाई। 100 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए। जबकि पहले की सरकारों में सत्ता के नजदीक लोगों को ही नौकरियां मिलती थी। आज काबिल युवक नौकरी पा रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा कार्यकाल में एचसीएस भर्ती में 50 फ़ीसदी से भी अधिक हुड्डा के इर्द-गिर्द लोगों के बच्चों ने नौकरियां पाई। सरकारी नौकरी योजनाओं का लाभ भी पात्र की बजाए अपने चाहतों को दिया जाता था। मुख्यमंत्री ने पर्ची- खर्ची का प्रचलन बंद किया। योग्यता को प्राथमिकता दी और यही चिंता विपक्ष की बनी हुई है।
बदलावों के बाद समयबध्द तरीके से मिलेगा इंसाफ
आईपीसी और सीआरपीसी में केंद्र सरकार द्वारा किए जाने वाले बदलाव को लेकर अत्रेय ने कहा कि 75 साल से किसी सरकार ने इतनी हिम्मत नहीं की। जबकि अंग्रेजों के समय में बनाए गए इन कानूनों की व्यवस्था मात्र हिंदुस्तानियों को दंडित करके अपनी सत्ता को कंट्रोल में रखने की नीति थी। लेकिन अब न्याय देने के लिए इसमें प्रावधान होंगे। 1860, 1890, 1899 में बने कानूनों के अनुसार कई कई साल तक लोगों को कोर्टों न्याय नहीं मिलता। अब न्याय देने का समय सुनिश्चित होगा। ताकि आमजन को न्याय मिल सके। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के जजों व लॉ कॉलेजों से सलाह लेकर, लॉ कमीशन की रिपोर्ट स्टडी करने के बाद व्यापक स्तर पर पूरी मंत्रणा और सुझाव लेकर मसौदा तैयार किया गया है जो आने वाले समय में आमजन के लिए बेहद लाभदायक होगा।
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