भाजपा और चौटाला परिवार मिल जुलकर जनता को गुमराह कर रहें हैं : सुशील गुप्ता

punjabkesari.in Wednesday, Feb 03, 2021 - 04:43 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा आज का किसान आंदोलन है। एक और जहां आंदोलन के कारण देश के खजाने को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं दिल्ली के आम आदमी की आर्थिक स्थिति भी इससे इसे डांवाडोल होती जा रही है। देश की राजधानी में, देश की धरोहर पर लगे, देश के तिरंगे का खुलेआम अपमान हुआ। पूरे विश्व ने इस नंगे नाच को देखा। लेकिन राजनीतिक पार्टियां, अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के अलावा कुछ कर नहीं रही।

जिस भी विपक्षी दल के नेता से बात करो सभी के सभी केवल और केवल सरकार को घेरने में लगे हैं। केवल और केवल झूठे मुकदमों की बात करते नजर आ रहे हैं। किसी ने भी उस घटना में उस हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों पर एक भी टिप्पणी नहीं की। इसी कड़ी में आज पंजाब केसरी ने आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता से विशेष बातचीत की। जिसमें उन्होंने शुरू से लेकर आखिर तक केवल और केवल सरकार को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : आम आदमी पार्टी प्रदेश में ग्राम पंचायत के चुनाव को लेकर किस प्रकार की तैयारियां कर रही है ?
उत्तर : 
आम आदमी पार्टी प्रदेश में ग्राम पंचायत, जिला परिषद, ब्लॉक समिति और निकाय के चुनाव लड़ने वाली है और उसके लिए पूरी तैयारियों में जुटी हुई है। इसी विषय में मैं यहां एक मीटिंग लेने के लिए मैं यहां आया हूं।

प्रश्न : पंचायती चुनावों में महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण देने के सरकार के फैसले पर कितने पक्षधर हैं ?
उत्तर : 
पंचायती चुनावों में महिलाओं के लिए आरक्षण हमेशा होता आया है और होता रहेगा। परंतु महिलाएं केवल रिजर्व सीट पर ही लड़ सकती हैं, आम सीट पर नहीं लड़ सकती, यह सरकार की गलत नीति है।

प्रश्न : दिल्ली चारों तरफ से आंदोलनकारी किसानों से घिरी है और 26 जनवरी को हुए घटनाक्रम पर क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
अनैतिक तरीके से, गैरकानूनी तरीके से इन अध्यादेशों को संसद में बिना वोटिंग करवाए कानून में परिवर्तित किया गया। उसी दिन से लगातार संसद में सड़क पर हंगामा हो रहा है और कानून वापस लेने की मांग पर किसान अड़े हैं। शांतिपूर्ण तरीके से सैकड़ों किसान शहादत दे चुके हैं। लेकिन अंधी-बहरी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। 3 डिग्री के तापमान पर किसान, महिलाएं, बच्चे बैठे हैं। लेकिन यह उन्हें खालिस्तानी-पाकिस्तानी कहते रहे। चाइना से संबंध बताते रहे। आखिर में 26 जनवरी के दिन अनेकों किसानों पर एफ आई आर दर्ज की गई। पुलिस के गलत प्रयोग से इनके आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की गई। लेकिन सरकार का अन्नदाता अपनी शांति को बरकरार रखे हुए, बिना एफ आई आर के परवाह किए, वहां बैठा है। मैं समझता हूं कि अहंकार छोड़ सरकार को यह तीनों काले कानून वापिस लेने चाहिए।

प्रश्न : लाल किला यानि देश की ऐतिहासिक धरोहर पर घटी घटना क्या निंदनीय नहीं है ?
उत्तर : 
बेहद दुखदाई है, बेहद निंदनीय है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंध रखता हो। देश की जनता जानती है। फुटेज भी आई है कि किस राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते हैं। देश के सर्वोच्च लीडरों के साथ उनकी फोटो घूम रही है। परंतु दुर्भाग्य है कि आज तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। लेकिन जिस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करूं तो अर्नव गोस्वामी एयरसेल की घटना से पहले उनके पास जानकारी थी। वह भी राष्ट्र हित का मामला है। देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। उनके पास कैसे जानकारी आई। उनके खिलाफ कोई एफ आई आर नहीं लिखी गई। गिरफ्तार नहीं किया गया। इसी प्रकार लाल किले की साजिश में जो लोग शामिल हैं। जिसकी अगुवाई में ऐसा किया गया। उन्हें भी गिरफ्तार नहीं किया गया।

प्रश्न : दिल्ली में आप की सरकार होने के बाद बिजली पानी काटे जाना को लेकर क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
दिल्ली सरकार ने दिल्ली की हद में बिजली-पानी-शौचालयों-वाईफाई की व्यवस्था की थी। हरियाणा-यूपी की सरकारों ने केंद्र सरकार के आदेशों पर परसों शौचालय हटा दिए पानी और बिजली काट दी। टिकैत जी ने भी खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी से बात की तो मुख्यमंत्री जी ने गाजीपुर बॉर्डर पर उपमुख्यमंत्री जी को भेज कर पानी-बिजली का प्रबंध करवाया। इसी तरह से सिंधु बॉर्डर पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और राघव चड्ढा भेजे गए। उन्होंने वहां पर इंतजाम किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन पानी के टैंकरों को अंदर नहीं घुसने दिया।

प्रश्न : इन कृषि कानूनों का हल कैसे होगा, क्योंकि केंद्र सरकार और दूसरी तरफ किसान अपनी जिद पर अड़े हैं ?
उत्तर : 
राष्ट्रपति के अभिभाषण का विपक्षी दलों ने विरोध किया और आम आदमी पार्टी के चारों सांसदों ने सेंट्रल हॉल के बाहर आवाज तेज करके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को कहा था कि किसानों के खिलाफ जुल्म मत करो, झूठी एफ आई आर मत करो, तीनों काले कानून वापिस लो। बजट सत्र शुरू हो चुका है। संसद में भी आवाज गूंजेगी और सड़क पर भी आवाज गूंजेगी। सरकार को अहंकार छोड़कर कानून वापस लेना पड़ेगा।

प्रश्न : अभय चौटाला के इस्तीफे को देखने का आपका नजरिया क्या है ?
उत्तर : 
मिलीजुली बात है। भाजपा और चौटाला परिवार मिल जनता को गुमराह कर रहे हैं और हरियाणा की जनता को मूर्ख बना रहे हैं। कभी हमने जीवन में नहीं देखा कि 26 जनवरी को किसानों के खिलाफ इतनी एफ आई आर बनी। इतना पुलिस पर बुलाकर किसानों को हटाया जाएगा। अभय को पहले ही यह कैसे मालूम था। अगर इस्तीफा पर्टिकुलर डेट का दिया जाता है तो साफ है कि बीजेपी ने उन्हें पहले ही बता दिया था कि 26 जनवरी को हम किसानों को हटा देंगे। आप इस्तीफा देकर हीरो बनो। ताकि हमारे साथ बाद में गठबंधन करो।


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Manisha rana

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