करारी हार के बाद BJP निर्दलीय चेयरमैनों के लिए पार्टी के दरवाजे बंद, कल पंचकूला में होगी बैठक
punjabkesari.in Sunday, Mar 16, 2025 - 05:32 PM (IST)

कैथल(जयपाल रसूलपुर): हरियाणा में हाल ही में संपन्न हुए नगर पालिका चुनावों में भाजपा को कैथल जिले में करारी हार का सामना करना पड़ा। कलायत, पुंडरी और सीवन में तीनों जगह पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी चुनाव हार गए, जिसके बाद अब भाजपा हाईकमान ने निर्दलीय चेयरमैनों के लिए पार्टी के दरवाजे बंद करने का सख्त फैसला लिया है।
भाजपा जिला प्रभारी अमरपाल राणा ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने निर्णय लिया है कि जो निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा प्रत्याशियों को हराकर चुनाव जीते हैं, उन्हें भाजपा में शामिल नहीं किया जाएगा और न ही उन्हें पार्टी का पटका पहनाया जाएगा। इस फैसले के पीछे पार्टी की मंशा यह है कि भविष्य में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों को मजबूत समर्थन मिले और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा बना रहे।
पंचकूला में होगी समीक्षा बैठक कल
कैथल की तीनों नगर पालिका चुनावों में हार के बाद भाजपा ने पंचकूला में समीक्षा बैठक बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में भाजपा जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और जिला चुनाव अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में हार के कारणों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
सीएम कह चुके: सिर्फ कमल का फूल ही भाजपा का नजदीकी
नगर पालिका चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने सीवन में भाजपा प्रत्याशी शैली मुंजाल के समर्थन में प्रचार करते हुए कहा था कि "हमारा कोई नजदीकी नहीं है, सिर्फ कमल का फूल हमारा है। अगर निर्दलीय को चेयरपर्सन बनाओगे तो भाजपा में उनकी एंट्री नहीं होगी। उनके लिए पार्टी के दरवाजे बंद हैं।
भाजपा की हार से कार्यकर्ताओं में निराशा, हाईकमान कर रहा मंथन
कैथल की तीनों नगर पालिका सीटों पर भाजपा की हार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को झटका दिया है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि भाजपा प्रत्याशियों को अंदरूनी गुटबाजी और निर्दलीय उम्मीदवारों की मजबूत पकड़ के कारण हार का सामना करना पड़ा। अब भाजपा हाईकमान इस हार की गहराई से समीक्षा करने जा रहा है ताकि आने वाले चुनावों में बेहतर रणनीति बनाई जा सके।
भविष्य की रणनीति होगी तय
पंचकूला में होने वाली बैठक के बाद भाजपा आगे की रणनीति तय करेगी कि नगर पालिका स्तर पर पार्टी संगठन को कैसे मजबूत किया जाए। पार्टी हाईकमान के इस कड़े फैसले से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा अब अपने कार्यकर्ताओं और अधिकृत प्रत्याशियों को प्राथमिकता देते हुए निर्दलीयों के लिए दरवाजे बंद करने की नीति अपनाएगी।