ईण्डरी उप-तहसील में सुविधाओं का टोटा, एक साल से खड़ी है इमारत लेकिन अधिकारी नदारद

punjabkesari.in Friday, May 19, 2023 - 05:18 PM (IST)

नूंह (एके बघेल) : प्रदेश का सबसे पिछड़ा जिला नूंह है। यहां की उप-तहसील इंडरी प्रदेश के सबसे कम सुविधाओं वाली उप-तहसील में से एक है। जबकि उप-तहसील घोषित किए हुए 4 साल से भी अधिक का समय हो चुका है। उप-तहसील क्षेत्र में 28 गांव पंचायतें लगती हैं। इंडरी उप तहसील बनने के बाद लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

लोगों का कहना है कि बिल्डिंग को बने 1 साल से अधिक का समय हो चुका है लेकिन अधिकारी बिल्डिंग में नहीं बैठते हैं। उप तहसील बनने का कोई भी फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है। तहसील के कार्य के लिए लोगों को नूंह 50 किलोमीटर आना-जाना पड़ रहा है। इससे समय व धन दोनों की बर्बादी हो रही है। सरकारी भवन में भी अधिकारी नहीं बैठ रहे हैं, भवन की बिल्डिंग में अधिकारियों के ऑफिस में ताला लगा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि उप तहसील का दर्जा तो मिला है लेकिन सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। ग्रामीणों ने सरकार से गुहार लगाई है कि जिस तरह से उप तहसील का दर्जा दिया है उसी तरह यहां पर अधिकारी भी नियुक्त किए जाएं ताकि लोगों का काम समय पर हो सके और इधर-उधर ना जाना पड़े।

बता दें कि 10 फरवरी 2014 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नूंह आए तो उन्होंने इंडरी को उपतहसील बनाने की घोषणा की। लेकिन लंबे समय तक इस घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ। 23 अक्तूबर 2016 को नूंह विधानसभा में हुई रैली में मुख्यमंत्री ने इंडरी को खंड बनाने की घोषणा की गई।

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Content Editor

Mohammad Kumail

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