क्या किसी आईपीएस को अपने गृह-जिले में पुलिस अधीक्षक तैनात किया जा सकता है?

punjabkesari.in Saturday, May 30, 2020 - 07:35 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): आज से लगभग तीन माह पूर्व 15 फरवरी 2020 को हरियाणा के गृह विभाग द्वारा प्रदेश के तीन दर्जन आईपीएस अधिकारियों के तैनाती और तबादले सम्बन्धी आदेश जारी किए गए, जिनमें हरियाणा कैडर की 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी संगीता रानी को नूंह जिले के एसपी पद से बदल कर भिवानी जिले का पुलिस अधीक्षक तैनात किया गया। महिला आईपीएस को गत वर्ष फरवरी 2019 में  नूहं का एसपी लगाया गया था। हालांकि उससे पूर्व जुलाई 2018 में उन्हें  पानीपत के पुलिस अधीक्षक पद पर तैनाती के लगभग दो माह में ही बदलकर कमांडेंट, प्रथम इंडियन रिजर्व बटालियन, भोंडसी, गुरुग्राम भेजा गया। 

ज्ञात रहे कि अप्रैल 2018 में  उन्हें  रेवाड़ी के एसपी पद से बदलकर पानीपत जिले की पुलिस प्रमुख लगाया गया था, परन्तु  हरियाणा सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (जो वर्तमान में प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं) तब पानीपत की जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष थे और जिले की एसपी के नाते उक्त महिला अधिकारी एक-दो मासिक बैठकों में नहीं शामिल हुई जिसपर विज द्वारा उनकी अनुपस्थिति का मामला मुख्यमंत्री स्तर पर उठाया गया, जिसके बाद संगीता रानी का पानीपत एसपी पद से तबादला कर दिया गया।

आज से साढ़े चार वर्ष पूर्व नवम्बर, 2015 में फतेहाबाद जिले की ऐसी ही जिला समिति की मासिक बैठक में विज, जो तब उसके चेयरमैन थे और उक्त अधिकारी, जो जिले की तत्कालीन एसपी थी, के बीच बैठक में सार्वजानिक तौर पर पुलिस द्वारा अवैध शराब बिक्री को लेकर आपसी तीखी बहस-बाजी हो गई थी। जिसके बाद विज ने एसपी महोदया को तत्काल बैठक से बाहर निकल जाने को कहा परन्तु जब वो नहीं मानी, तो विज स्वयं ही मीटिंग बीच में छोड़कर वहाँ से बाहर चले गए। इस घटना के बाद एसपी मैडम का वहां से तबादला कर उन्हें कमांडेंट, इंडियन रिजर्व बटालियन, मानेसर लगा दिया गया था।

बहरहाल, बीते कल जब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट, हेमंत कुमार ने हरियाणा के सभी मौजूदा पुलिस अधीक्षकों के सर्विस रिकॉर्ड और उनकी तैनाती का अवलोकन किया, तो वह इस बाते को लेकर दुविधा में पड़ गए कि जब संगीता कालिया का गृह जिला आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार भिवानी जिला ही है तो क्या उन्हें उसी जिले का पुलिस अधीक्षक लगाया जा सकता है ? 

उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर किसी भी राजपत्रित अधिकारी अर्थात क्लास 1 या क्लास 2 (ग्रुप ए और ग्रुप बी ) अधिकारी को अपने गृह जिले में पोस्टिंग नहीं दी जाती है और अगर जिला प्रशासन और जिला पुलिस के दो सर्वोच्च अधिकारियों अर्थात डीसी (उपायुक्त) और एसपी का विषय हो तो इस सम्बन्ध में इसकी अनुपालना करना और भी आवश्यक हो जाता है कि कोई आईएएस या आईपीएस को उसके गृह जिले में अधिकारी की डीसी या एसपी के तौर पर तैनाती न की जाए। 

अब यह सवाल उठता है कि क्या संगीता रानी को भिवानी जिले का एसपी तैनात करने के केस में हरियाणा सरकार द्वारा इस आशय में उन्हें कोई विशेष रियायत दी गई है अथवा तीन माह पूर्व उनका नूहं जिले से भिवानी जिले की एसपी के रूप में तबादला करते हुए गृह विभाग से कोई भूल या चूक हो गई है। 

हेमंत ने यह भी बताया कि कोई आईएएस या आईपीएस अधिकारी अपने सेवा काल में एक बार अपने गृह जिले को उपयुक्त कारण बताकर बदलने क्षमा अनुरोध भी कर सकता है। अब क्या संगीता रानी द्वारा भी ऐसा किया गया है अथवा नहीं, यह देखने लायक होगा। हालांकि आज तक हरियाणा पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर उनका गृह जिला भिवानी दर्शाया जा रहा है। गत वर्ष 10 जनवरी 2019 से लागू हुए हरियाणा पुलिस (संशोधन) अधिनियम 2019 जिसके द्वारा मूल हरियाणा पुलिस कानून 2007 में एक नई  धारा 34 डालकर उसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा एक पुलिस स्थापना कमेटी गठित करने का प्रावधान है , वह भी आज तक नहीं बनाई गई है।

लिखने योग्य है कि इस कमेटी के चेयरमैन राज्य के पुलिस प्रमुख (डी.जी.पी.) एवं  अन्य सदस्यों में राज्य इंटेलिजेंस विंग के प्रमुख, पुलिस मुख्यालय के प्रशासनिक विंग के प्रमुख  और  लॉ एंड आर्डर (कानून-व्यवस्था ) के मुखिया सम्बन्धी प्रावधान है। यह पुलिस स्थापना  कमेटी पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर  (निरीक्षक) रैंक के कमियों की तबादले एवं तैनाती सम्बन्धी निर्णय लेगी, जबकि डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) एवं एसपी (पुलिस अधीक्षक) की तैनाती/तबादलों के सम्बन्ध में यह कमेटी राज्य सरकार को अपनी सिफारिश करेगी। 


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Shivam

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