क्या राज्य सरकार कानूनी घोषित कर सकती है प्रदेश में "सार्वजनिक अवकाश" ?

punjabkesari.in Friday, Dec 04, 2020 - 11:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): 3  दिसंबर 2020 को हरियाणा सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की सामान्य सेवाएं शाखा -2 द्वारा आगामी कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए सार्वजानिक अवकाशों (पब्लिक हॉलीडे) की गजट अधिसूचना जारी की गई है। इस नोटिफिकेशन में तीन अनुसूची हैं, पहले अनुसूची में उन सार्वजानिक अवकाशों (छुट्टियों) का विवरण है, जो वर्ष 2021 में सभी शनिवार और रविवार के अतिरिक्त कुल 20 दिन पड़ते हैं, जिस दिन हरियाणा सरकार के सभी राजकीय (सरकारी) कार्यालय आदि बंद रहेंगे हालांकि इनमें वह अवकाश शामिल नहीं हैं, जो शनिवार और रविवार के दिन पड़ते हैं। 2021 में इन दो दिनों पड़ने वाले सरकारी अवकाशों की संख्या 8 बनती हैं।

उक्त नोटिफिकेशन की दूसरी अनुसूची में रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे (वैकल्पिक अवकाशों) का विवरण है, जिनकी वर्ष 2021 में संख्या 12 हैं, जिनमें से राज्य सरकारी के कर्मचारी पूरे वर्ष में कोई भी तीन अवकाश ले सकता है। हालांकि वर्ष 2018 से पहले इन वैकल्पिक अवकाशों की संख्या केवल दो ही होती थी, तीसरी अनुसूची में प्रदेश के लिए सामान्य सार्वजनिक अवकाशों की लिस्ट है। जिसे नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (परक्राम्य लिखत अधिनियम), 1881 की धारा 25 के अंतर्गत घोषित किया गया हैं, जिन्हें व्यावसायिक भाषा में "बैंक हॉलिडे" भी कहा जाता है। क्योंकि इन अवकाशों के दिन न केवल प्रदेश के सभी तरह के बैंक बल्कि अन्य संगठित क्षेत्र के व्यापारिक और वाणिज्यिक आदि प्रतिष्ठान और संस्थान आदि बंद रहते हैं।

इस सबके बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने प्रश्न उठाया है की क्या हरियाणा सरकार और यहां तक कि देश की सभी राज्य सरकारे अपने अपने अपने प्रदेश के लिए ऐसे सामान्य सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए कानूनी तौर पर सक्षम है, क्योंकि 1881 कानून की उक्त धारा 25 में राज्य सरकार का उल्लेख ही नहीं है ? हर राज्य सरकार अपने- अपने राजकीय कार्यालयों के लिए अवकाशों की सूची तय करने के लिए तो पूर्णतया अधिकृत हैं, परन्तु ऐसे घोषित अवकाश राज्य में स्थित समस्त प्रदेश के लिए सार्वजानिक अवकाश नहीं होते जिन्हें हालांकि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 25 के अंतर्गत घोषित एवं अधिसूचित किया जाता है और इस धारा में स्पष्ट तौर पर केवल केंद्र सरकार ही अधिकृत है।   

इसके अतिरिक्त क्योंकि उक्त 1881 कानून केंद्रीय अधिनियम है, अत: राज्य सरकार अपने स्तर पर इस धारा 25 में  संशोधन कर ऐसी शक्ति भी अपने हाथों में नहीं ले सकती है। इसी के चलते हेमंत ने साढ़े तीन वर्षो पूर्व जून, 2017  एक आर.टी.आई. याचिका हरियाणा सामान्य प्रशासन विभाग में दायर कर हरियाणा सरकार द्वारा उक्त धारा 25 में अवकाश घोषित करने की शक्ति सम्बन्धी सूचना देने की मांग की थी। 

जिसके बाद विभाग ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय को इस बाबत पत्र लिख कर भेज दिया, परन्तु आज तक हेमंत को न तो वित्त मंत्रालय और न ही राज्य सरकार से इस बारे में कोई ताजा जानकारी प्राप्त हुई है कि इस मामले में कोई आगामी कार्यवाही हुई है अथवा नहीं? हेमंत ने यह भी बताया कि सवा पांच वर्ष पूर्व सितम्बर 2015 में जब केंद्र की मोदी सरकार ने देश के सभी सरकारी और निजी बैंको में हर माह दूसरे और चौथे शनिवार को सार्वजानिक अवकाश करने की घोषणा की, तब भी इस सम्बन्ध में प्रासंगिक अधिसूचना 1881 अधिनियम की धारा 25 में केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा ही जारी की गयी थी, न कि देश की किसी या सभी राज्य सरकारों ने आज तक ऐसी भी कोई पत्र आदि नहीं मिला जिसमें केंद्र सरकार द्वारा धारा 25 में प्रदेशों में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की शक्ति राज्य सरकारों को स्थानांतरित की गई हो।


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vinod kumar

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