बारिश में गेहूं का स्टॉक भिगोए जाने का मामला आया सामने, हैंफेड के गोदाम में कैथल के SDM ने की रेड

punjabkesari.in Wednesday, Jul 16, 2025 - 11:49 AM (IST)

कैथल (जयपाल रसूलपुर): कैथल में सरकारी गोदामों की लापरवाही कोई नई बात नहीं रही, गेहूं के सीजन में बारिश जहां किसान के लिए चिंता का विषय होती है, वहीं सरकारी गोदामों में बैठे कुछ अधिकारियों के लिए यह आपदा अवसर में बदल जाती है।

जींद रोड स्थित हैफेड गोदाम में मंगलवार रात हुई एसडीएम कैथल अजय कुमार की छापेमारी ने एक बार फिर इसी सोच को उजागर कर दिया। शिकायत के आधार पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने पाया कि हजारों कट्टों में भरा गेहूं जानबूझकर खुले में पड़ा था, जिसे बारिश से बचाने के लिए तिरपाल तक नहीं डाली गई थी। सवाल यह उठता है कि क्या यह साधारण लापरवाही है या फिर एक सुनियोजित साजिश?


जानबूझकर बारिश में छोड़ा गया गेहूं का स्टॉक

एसडीएम अजय कुमार को सूचना मिली थी कि हैफेड गोदाम में रखे गेहूं के स्टॉक को जानबूझकर बारिश के समय बिना कवर के छोड़ा गया है। सूचना पर वे देर रात मार्केट कमेटी और खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि गोदाम में करीब 10,000 गेहूं के कट्टे खुले में पड़े हुए थे, जिन पर बारिश पड़ चुकी थी और कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं किया गया था।

एसडीएम ने मौके पर सख्ती दिखाते हुए सैंपलिंग प्रक्रिया शुरू करवाई, लेकिन इसी दौरान हैफेड के कुछ कर्मचारी टीम के बीच आकर बाधा डालने लगे। इस पर एसडीएम ने उन्हें सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि जांच कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा सहन नहीं की जाएगी। इसके बाद कर्मचारी किनारे हो गए और सैंपलिंग का काम पूरा किया गया।


जांच में निकलेगी सच्चाई या फिर दोहराया जाएगा पुराना अध्याय?

एसडीएम अजय कुमार ने बताया कि लिए गए सैंपलों की नमी की जांच करवाई जाएगी। यदि नमी मानक के भीतर पाई गई, तो उसे स्वीकार किया जाएगा, लेकिन यदि मानकों से अधिक पाई गई तो संबंधित एजेंसी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, पिछले अनुभवों को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या इस बार भी जांच केवल सैंपलिंग तक सीमित रह जाएगी या फिर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा? इस कार्रवाई के दौरान मार्केटिंग कमेटी सचिव नरेंद्र ढुल, फूड इंस्पेक्टर सोमनाथ और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
 


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Content Writer

Isha

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