मुख्यमंत्री ने स्वीकारा, खरीद प्रक्रिया लंबी चलने का बड़ा कारण श्रमिकों की कमी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 08, 2020 - 08:32 AM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज इस बात को स्वीकार किया कि इस बार फसल खरीद प्रक्रिया लंबी चलने का बड़ा कारण श्रमिकों की कमी रहेगी और आढ़तियों को मंडियों में श्रमिकों का प्रबंध स्वयं करना होगा तो वहीं किसानों को भी कटाई के लिए अपने पारिवारिक सदस्यों का सहयोग लेना पड़ेगा क्योंकि ऐसे समय में बाहर से श्रमिक लाना मुनासिब नहीं है। मुख्यमंत्री से इस कथन से यह तो स्पष्ट हो गया है कि सरकार ने श्रमिकों के प्रबंध से पल्ला झाड़ लिया है।

उन्होंने बताया कि राज्य के 200 विभिन्न राहत शिविरों में रह रहे 15000 से अधिक मजदूरों ने भी खेतों में काम करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि राज्य में फसल कटाई व उठान के लिए मनरेगा के श्रमिकों को उपलब्ध करवाया जाएगा। मनोहर लाल आज एक डिजिटल प्रैस कांफ्रैंस को संबोधित कर रहे थे।

किसानों की फसल का खरीदा जाएगा एक-एक दाना
किसानों को आश्वस्त करते हुए कि उनकी उपज का एक-एक दाना राज्य सरकार द्वारा खरीदा जाएगा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज सरसों की 15 अप्रैल और गेहूं की 20 अप्रैल से होने वाली खरीद के लिए मंडियों और खरीद केंद्रों की संख्या में वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीद के लिए मंडियों और खरीद केंद्र की संख्या 477 से बढ़ाकर 2000 की गई है और सरसों के 67 खरीद केंद्र से बढ़ाकर 140 खरीद केंद्र किए गए हैं ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हों। उन्होंने कहा कि मंडियों और खरीद केंद्रों में मास्क उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि कोविड-19 के प्रकोप को फैलने से रोका जा सके।

फसल की पेमैंट में से 1 से 5 प्रतिशत कोरोना रिलीफ फंड में सहयोग दे किसान 
मुख्यमंत्री ने किसानों से भी कोरोना रिलीफ फंड के लिए सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी स्वेच्छा से फसल की पेमैंट में से 1 से 5 प्रतिशत तक का सहयोग दे सकते है।


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Manisha rana

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